देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने सभी को डरा कर रख दिया। कईयों के घर उजड़ गए। इस बीच कुछ जगहों पर लोगों ने कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अपनी और दूसरों की जान बचाई। उन्हीं जगहों में से एक तमिलनाडु के कोयंबटूर में ईशा फाउंडेशन आश्रम है, जहां हजारों स्वयंसेवकों ने कोरोना काल में खुद और आसपास के 43 गांवों को जागरूक किया और बीमारी के संक्रमण से बचाने की कोशिश की। लेकिन सोचने वाली बात ये है कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों को बचाने के लिए स्वयंसेवकों ने क्या तरीका अपनाया?