उनके मुताबिक़, इन पांच सालों में उन्हें काफी कुछ देखना पड़ा। वे कहती हैं, "जब मेरा बजन बढ़ गया था तो लोग पूछते थे, 'कोई गुड न्यूज है क्या?' कभी कुछ लोग चुटीले अंदाज में पूछते थे, 'क्या हुआ। अब तुम्हारी बारी है।' ये सब सुनकर दिल दुखता था और बेचैनी होती थी। इसलिए मैंने 2017 में अपना ट्रीटमेंट शुरू किया।"