गांव में फंसी ये टीवी एक्ट्रेस, इस वजह से करना पड़ रहा रोटी चटनी से गुजारा, नहीं है बाथरूम भी
मुंबई. टीवी सीरीयल 'अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजो' फेम एक्ट्रेस रतन राजपूत लॉकडाउन के बीच बिहार के किसी गांव में फंसी हुई हैं। यह गांव उनका नहीं है, लेकिन आसपास के लोग उन जैसे ही हैं। गांव के लोगों ने ही उनकी मदद और रहने के लिए एक घर भी दिया है। घर के सभी काम रतन को दोस्तों के साथ ही करना पड़ रहा है। हालांकि, रतन इस समय को भरपूर तरीके से जी रही हैं। दाल भात और रोटी चटनी खाकर उन्हें गुजारा करना पड़ रहा है।
दरअसल, हाल ही में रतन राजपूत ने एक इंटरव्यू में अपने वहां के हालात के बारे में बात की। वो कहती हैं कि यही असल जिंदगी है। उनका मानना है कि इस समय वो जो सीख रही हैं उसे वो मुंबई में कभी नहीं सीख पातीं।
रतन इंटरव्यू के दौरान खिलखिला पड़ीं। वो कहती हैं कि अरे वाह, जहां उन्हें खुद की खबर नहीं, वहां उनकी सुध लेने के लिए सोचा गया इसलिए वो काफी खुश हुई और शुक्रिया किया। बात आगे बढ़ी और रतन से सवाल जवाब हुआ तो एक्ट्रेस बोलीं कि अरे कोई दिक्कत नहीं है। बहुत मजेदार जीवन है। बल्कि कहिए इसी बहाने इस जिंदगी को भी जीने का मौका मिल गया।
एक्ट्रेस से पूछा गया कि वो कैसे सबकुछ मैनेज कर रही हैं। तो कैसे सब मैनेज कर रही हैं? इस सवाल पर रतन जवाब देते हुए कहती हैं कि फिर तो वो एक्टर ही नहीं जो हर स्थिति में खुद को ढाल न ले। आज ये परिस्थिति है तो इसमें वो रोने लगें या हार मान लें फिर तो पर्दे पर खुद को मजबूत दिखाना बेकार है।
रतन कहती हैं कि असल जिंदगी में भी तो कुछ दिखाना चाहिए। उनका ये समय बिल्कुल आनंद से गुजर रहा है। उनका मानना है कि कठिनाइयां आपको और मजबूत बनाती हैं। गांव में सुविधाओं का भी अभाव है। वहां पर टॉयलेट की सुविधा भी नहीं है।
रतन राजपूत आगे कहती हैं कि गांव में सबसे बड़ी दिक्कत पीने के पानी की समस्या है, हालांकि, वो कहती हैं कि पहले तो हम पानी छान लेते हैं फिर उसे उबाल कर रख लेते हैं, उसके बाद वह पीने लायक हो जाता है। इसके अलावा एक्ट्रेस कहती हैं कि वो चावल-दाल बना लेती हैं। चटनी के साथ स्वाद और बढ़ जाता है। सच बताऊं तो कई बार मुंबई के किसी बड़े रेस्त्रां से बेहतर फील करती हूं इस खाने के साथ।
रतन ने इंस्टाग्राम पर सिल बट्टे पर चटनी पीसते हुए भी वीडियो शेयर किया था। इसमें वो चश्मा लगाए जीन्स टी-शर्ट में सिल बट्टे पर चटनी पीसती दिख रही थीं।
रतन कहती हैं कि उन्हें घरवालों की बहुत याद आती है। रात में मोबाइल पर वह मुंबई में परिवार से बातचीत कर लेती हैं। उन्हें आसपास के लोग पहचाने नहीं इसके लिए दिन में अक्सर मुंह ढककर ही रहती हैं। हां, शाम को या दोपहर में कपड़ा सुखाने के लिए जब छत पर होती हैं तो उस गांव को एक नजर देख लेती हैं, जिस गांव में इस मुश्किल वक्त में उन्हें सहारा मिला है।
लॉकडाउन बढ़ने के बाद रतन के लिए मुश्किलें और बढ़ी हैं, लेकिन रतन हमेशा मुस्कुराती रहती हैं। हर बात पर बस यही कहती हैं, देखिए जब तक ऐसी स्थिति रहेगी, वो निर्देशों का पालन करेंगी। उन्हें किसी से कोई शिकायत नहीं है।
एक्ट्रेस कहती हैं कि उन्होंने बचपन से यही सीखा है कि कोई भी सिचुएशन हो, दिल से नहीं टूटना है। अगर दिल से हार गए तो फिर कुछ बचता नहीं है। उनका मानना है कि ये दिल ही तो है, जो लाख मुश्किल में भी उन्हें हंसते रहने के लिए प्रेरित करता है। रतन कहती हैं कि वो इस गांव से और वक्त से बहुत कुछ सीखकर जा रही हैं। जो कि आगे उनके लिए बहुत काम आने वाला है।