स्नान आदि करने के बाद अपने क्षेत्र के किसी भी मंदिर में जाकर शिवजी की पूजा करें। इस दौरान बारह ज्योतिर्लिंग (Jyotirling) का ध्यान करना चाहिए। भगवान को बिल्व पत्र और जल जरूर चढ़ाएं। शिवलिंग (Shivling) पर पंचामृत अर्पित करें। पंचामृत दूध, दही, घी, शहद और मिश्री मिलाकर बनाना चाहिए। साथ ही देवी पार्वती की भी पूजा करें। माता को सुहाग का सामान चढ़ाएं। पूजा में ऊँ उमामहेश्वराय नम: मंत्र का जाप करें।