उज्जैन. 21 जून, रविवार को आषाढ़ मास की अमावस्या है। इस तिथि पर सूर्यग्रहण भी होगा। हिंदू धर्म में ग्रहण को अशुभ माना गया है। एक मान्यता ये भी है कि ग्रहण के अशुभ प्रभाव सभी लोगों पर पड़ता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ नहीं करना चाहिए, मन ही मन मंत्र जाप कर सकते हैं।
ये है ग्रहण और सूतक का समय
भारत के साथ ही एशिया, अफ्रिका और यूरोप में ये ग्रहण दिखाई देगा। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार ग्रहण सुबह 10.14 बजे शुरू होगा और दोपहर 1.38 बजे खत्म होगा। ग्रहण का सूतक काल 20 जून की रात 10.14 बजे से शुरू हो जाएगा। सूतक 21 जून की दोपहर 1.38 तक रहेगा। ग्रहण के अशुभ फल से बचने के लिए ये उपाय करें-