उज्जैन. इस बार शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri 2021) का पर्व 7 से 14 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। तिथि क्षय होने के कारण ये पर्व 9 नहीं बल्कि 8 दिनों का ही होगा। नवरात्रि के दौरान देवी के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाएगी। नवरात्रि में देवी को प्रसन्न करने के लिए लोग कई जतन करते हैं। कोई उपवास रखता है तो कोई जूते-चप्पल नहीं पहनता। गरबे के माध्यम से भी देवी को प्रसन्न किया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नवरात्रि में राशि अनुसार उपाय करने से देवी जल्दी प्रसन्न होती हैं और भक्त की हर इच्छा पूरी कर देती हैं। आगे जानिए नवरात्रि में राशि अनुसार किस व्यक्ति को कौन-सा उपाय करना चाहिए…
राशि के लोग वाले देवी के भवानी स्वरूप की आराधना करें। माता को लाल फूल चढ़ाएं, लाल वस्त्र पहनकर पूजा करें। लाल चंदन की माला से देवी मंत्रों का जाप करें। नैवेद्य में गुड़, लाल रंग की मिठाई चढ़ा सकते हैं। नवार्ण मंत्र इनके लिए लाभदायी रहेगा।
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देवी सरस्वती की आराधना करें। सफेद वस्त्र पहनें। देवी को सफेद फूल चढ़ाएं और सफेद चंदन या स्फटिक की माला से कोई भी दुर्गा जी का मंत्र जप कर नैवेद्य में सफेद बर्फी या मिश्री का भोग लगा सकते हैं।
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इस राशि के लोग भुवनेश्वरी देवी की आराधना करें। हरे वस्त्र पहनकर हरे आसन पर बैठकर पत्ती युक्त पुष्प अर्पित करें और तुलसी की माला से जप कर गायत्री या दुर्गा मंत्रों का जाप कर सकते हैं। नैवेद्य में खीर का भोग लगाएं।
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इस राशि के लोग दैवी के भैरवी स्वरूप की आराधना करें। चावल और दही चढ़ाएं। मिश्री का भोग लगाएं। सफेद कपड़े पहनें। सफेद चंदन या स्फटिक की माला से जप करें और नैवेद्य में दूध या दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं।
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इस राशि के लोग देवी के जया स्वरूप की आराधना करें और गुलाबी य हल्के लाल रंग के पुष्प आदि से पूजन करें। गुलाबी आसन पर बैठकर गुलाबी हकीक की माला सिद्धकर धारण करें। नैवेद्य में कोई भी मिठाई अर्पण कर सकते हैं।
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इस राशि के लोग देवी के चन्द्रघंटा स्वरूप की आराधना करें। हरा वस्त्र पहनकर हरे आसन पर बैठकर पत्ती युक्त पुष्प अर्पित करें। तुलसी की माला से जप कर गायत्री दुर्गा मंत्रों का जाप कर सकते हैं। नैवेद्य में खीर का भोग लगाएं।
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इस राशि के लोग लक्ष्मीजी की आराधना करें। सफेद वस्त्र धारण करें। सफेद फूल अर्पित करें और सफेद चंदन या स्फटिक की माला से कोई भी दुर्गा जी का मंत्र जप कर नैवेद्य में सफेद बर्फी या मिश्री का भोग लगा सकते हैं।
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इस राशि के लोग देवी कालरात्रि की आराधना करें। माता को लाल फूल चढ़ाएं। लाल वस्त्र पहनकर पूजा करें और लाल चंदन की माला से देवी मंत्रों का जाप करें। नैवेद्य में गुड़, लाल रंग की मिठाई चढ़ा सकते हैं।
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इस राशि के लोग देवी के मातंगी स्वरूप की आराधना करें। पीले वस्त्र धारण करें। पीले पुष्पों से पूजा करें। माता को हल्दी चढ़ाएं। हल्दी की माला से बगुलामुखी या दुर्गा जी का कोई भी मंत्र का जप ध्यान कर लाभ पा सकते हैं। पीली मिठाई व केले का भोग लगाएं।
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इस राशि के लोग शारदा देवी की आराधना करें और आसमानी रंग के आसन पर बैठकर नीले फूलों से पूजा करें। नीलमणि की माला से जाप कर नैवेद्य में उड़द से बनी मिठाई या हलवा चढ़ाएं।
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इस राशि के लोग कालिकाजी की आराधना करें और नीले रंग के आसन पर बैठकर नीले फूलों जैसे अपराजित से पूजा करें। नीलम या नीले हकीक की माला से जाप कर नैवेद्य में उड़द से बनी मिठाई या हलवा चढ़ाएं।
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इस राशि के लोग देवी गौरी की आराधना करें। पीले वस्त्र धारण करें, पीले फूल चढ़ाएं। हल्दी की माला से बगुलामुखी या दुर्गा जी का कोई भी मंत्र का जप ध्यान कर लाभ पा सकते है। नैवेद्य हेतु पीली मिठाई व केले चढ़ाएं।