Sakat Chauth 2023: 10 जनवरी को साल 2023 की पहली संकष्टी चतुर्थी, ये उपाय करेंगे आपकी हर इच्छा पूरी

उज्जैन. इस बार 10 जनवरी को माघ मास के कृ्ष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है। इसे संकष्टी चतुर्थी (Sakat Chauth 2023) कहते हैं। ये साल में आने वाली 4 प्रमुख चतुर्थी तिथियों में से एक है। इसे तिल चतुर्थी भी कहते हैं। सुहागिन महिलाएं इस दिन भगवान श्रीगणेश की पूजा विशेष रूप से करती हैं और शाम को चंद्रमा के उदय होने पर ही अपना व्रत पूर्ण करती हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से घर-परिवार में खुशहाली रहती है और पति व पुत्र पर आने वाले संकट टल जाते हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से और भी शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। आगे जानिए इन उपायों के बारे में…

 

Manish Meharele | Published : Jan 9, 2023 5:15 AM IST
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Sakat Chauth 2023: 10 जनवरी को साल 2023 की पहली संकष्टी चतुर्थी, ये उपाय करेंगे आपकी हर इच्छा पूरी

दूर्वा की माला अर्पित करें
भगवान श्रीगणेश में दूर्वा का उपयोग विशेष रूप से किया जाता है। संकष्टी चतुर्थी पर भगवान श्रीगणेश को दूर्वा से बनी माला चढ़ाने से आपकी हर कामना जल्दी से जल्दी पूरी हो सकती है। इसके लिए दूर्वा के छोटे- छोटे बंडल बना लें और इन सभी को एक धागे में लपेट लें। ये माला श्रीगणेश को अर्पित करें।   
 

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इन चीजों का लगाएं भोग
तिल चतुर्थी पर भगवान श्रीगणेश को तिल से बने पकवानों जैसे रेवड़ी, गजक आदि का भोग लगाएं। ऐसा करने संभव न हो तो थोड़े से तिल और गुड़ को मिलाकर भी भोग लगा सकते हैं। इसके अलावा मौसमी फल जैसे केले का भोग भी श्रीगणेश को लगा सकते हैं। इससे भी आपके जीवन में खुशहाली बनी रहेगी।
 

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इन चीजों का दान करें
संकष्टी चतुर्थी को तिल चतुर्थी भी कहते हैं। इस दिन तिल से बनी चीजों का दान विशेष रूप से करना चाहिए जैसे गजक, रेवड़ी, तिल-गुड़ आदि। इसके अलावा गर्म कपड़ों जैसे कंबल, रजाई, स्वेटर आदि का दान भी जरूरतमंदों को इस दिन करना चाहिए। इससे श्रीगणेश की कृपा आपके ऊपर बनी रहेगी।
 

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मंत्रों का जाप करें
10 जनवरी की सुबह स्नान आदि करने के बाद श्रीगणेश की पूजा करें और इसके बाद पूजा स्थान पर ही आसन पर बैठकर नीचे लिखे मंत्रों का जाप करें। श्रीगणेश के मंत्रों का जाप रुद्राक्ष की माला से करें। ये हैं मंत्र-
- वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरुमे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।।
- अमेयाय च हेरंब परशुधारकाय ते। मूषक वाहनायैव विश्वेशाय नमो नमः।।
- एकदंताय विद्महे, वक्रतुंडाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात।।
 

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श्रीगणेश का अभिषेक करें
संकष्टी चतुर्थी पर भगवान श्रीगणेश का अभिषेक शुद्ध जल से करें। इसमें थोड़ी हल्दी भी मिला सकते हैं। ऐसा करने से गुरु ग्रह से संबंधित शुभ फल भी आपको प्राप्त होंगे। अभिषेक करते समय गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ भी करते रहें। इस उपाय से आपके घर में सुख-समृद्धि बनी रहेगी।


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे। 

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