बहुत खास हैं हनुमानजी की ये 7 तस्वीरें, घर में इन्हें लगाने से दूर हो सकती है परेशानियां

उज्जैन. शास्त्रों के अनुसार हनुमानजी के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करने पर अलग-अलग फलों की प्राप्ति होती है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार हनुमानजी की 7 तरह की फोटो सबसे प्रचलित हैं। सभी तस्वीरों का अलग महत्व है। जानिए हनुमानजी के 7 स्वरूप और उनकी पूजा से मिलने वाले शुभ फल...

Asianet News Hindi | Published : Sep 6, 2020 10:39 AM IST
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बहुत खास हैं हनुमानजी की ये 7 तस्वीरें, घर में इन्हें लगाने से दूर हो सकती है परेशानियां

जिस फोटो में हनुमानजी ध्यान कर रहे हैं, उस फोटो को घर में लगाने और रोज दर्शन करने से हमारी एकाग्रता बढ़ती है। मानसिक तनाव दूर होता है। इस फोटो के दर्शन करने और इसके सामने बैठकर ध्यान करने से बुद्धि तेज होती है।
 

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देवी-देवताओं की दिशा उत्तर मानी गई है। इसी दिशा में सभी देवी-देवताओं का वास है। हनुमानजी की जिस प्रतिमा का मुख उत्तर दिशा की ओर है, वह हनुमानजी का उत्तरामुखी स्वरूप है। इस स्वरूप की पूजा करने पर सभी देवी-देवताओं की कृपा भी प्राप्त होती है। घर-परिवार में शुभ और पवित्र वातावरण रहता है।

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वीर हनुमान स्वरूप में साहस, बल, पराक्रम व आत्मविश्वास दिखाई देता है। हनुमानजी अपने साहस और पराक्रम से कई राक्षसों को नष्ट किया और श्रीराम के काज संवारें। वीर हनुमान की पूजा से भक्त को भी साहस की प्राप्ति होती है।

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सूर्य देव हनुमानजी के गुरु हैं। सूर्य पूर्व दिशा से उदय होता है। सूर्य और सूर्य का प्रकाश, गति और ज्ञान के भी प्रतीक हैं। जिस तस्वीर में हनुमानजी सूर्य की उपासना कर रहे हैं या सूर्य की ओर देख रहे हैं, उस स्वरूप की पूजा करने पर भक्त को भी ज्ञान और कार्यों में गति प्राप्त होती है। सूर्यमुखी हनुमान की पूजा से विद्या, प्रसिद्धि, उन्नति और मान-सम्मान प्राप्त होता है।

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हनुमानजी की वह प्रतिमा जिसका मुख दक्षिण दिशा की ओर होता है, वह हनुमानजी का दक्षिणमुखी स्वरूप है। दक्षिण दिशा काल यानी यमराज (मृत्यु के देवता) की दिशा मानी जाती है। हनुमानजी रुद्र (शिवजी) अवतार माने जाते हैं, जो काल के नियंत्रक हैं। इसलिए दक्षिणामुखी हनुमान की पूजा करने पर भय और चिंताएं समाप्त होती हैं।

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बजरंग बली के इस स्वरूप में हनुमानजी श्रीराम की सेवा में लीन दिखाई देते हैं। इस स्वरूप की पूजा करने पर भक्त के मन में कार्य और रिश्तों के प्रति सेवा और समर्पण की भावना जागृत होती है। व्यक्ति को परिवार और कार्य स्थल पर सभी बड़े लोगों का विशेष स्नेह प्राप्त होता है।
 

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इस स्वरूप में हनुमानजी श्रीराम की भक्ति में लीन दिखाई देते हैं। जो लोग इस स्वरूप की पूजा करते हैं, उन्हें कार्यों में कामयाबी पाने के लिए एकाग्रता और शक्ति प्राप्त होती है। लक्ष्यों को प्राप्त करने में आ रही परेशानियां दूर हो जाती हैं।

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