परंपरा: किचन में किस धातु से बने बर्तनों का उपयोग करना चाहिए और किस धातु के नहीं?

उज्जैन. रसोई में कई तरह की धातुओं के बर्तन का उपयोग किया जाता है। भारतीय परंपरा में रसोई के बर्तनों से जुड़ी खास बातें भी बताई गई हैं, किस धातु से बने बर्तन का उपयोग भोजन पकाने और खाने में करना चाहिए और किस धातु से बने बर्तनों का उपयोग नहीं करना चाहिए। आज हम आपको यही बता रहे हैं…

Asianet News Hindi | Published : Feb 4, 2021 3:51 AM IST / Updated: Feb 04 2021, 10:09 AM IST
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परंपरा: किचन में किस धातु से बने बर्तनों का उपयोग करना चाहिए और किस धातु के नहीं?

1. लोहे के बर्तन
आयुर्वेद के अनुसार, लोहे के बर्तनों में भोजन करने से शरीर में कोई हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ता। साथ ही, इससे शरीर में लौह तत्व की मात्रा बढ़ती है हिमोग्लोबिन का स्तर ठीक रहता है व पाचन संबंधित दिक्कते खत्म हो जाती हैं। घर में शांति रहती है और काम में तेजी से तरक्की होती है।

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2. कांसे व पीतल के बर्तन
कांसे के बर्तनों में जो भोजन बनता है उसमें 97 % पोषक तत्व विद्यमान रहते हैं। पीतल के बर्तन में बनने वाले भोजन में 92 % पोषक तत्व बरकरार रहते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, कांसे के बर्तन में भोजन करने से दिमाग तेज होता और भूख भी बढ़ती है। कांसे के बर्तनों में भोजन करने से रक्त पित्त ठीक होता है। पीतल के नक्काशीदार व सुंदर बर्तन उपयोग करने व इनमें भगवान विष्णु को भोग लगाने से घर में हमेशा बरकत रहती है।

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3. सोने चांदी के बर्तन
कोई अगर थोड़े महंगे बर्तन खरीद सकता है तो चांदी के बर्तनों में भोजन करना काफी फायदेमंद होता है। चांदी की तासीर ठंडी होती है। इसलिए चांदी के बर्तन में भोजन करने से शरीर की गर्मी शांत होती है ‌और आंखें स्वस्थ रहती हैं। जबकि सोने के बर्तन में खाना खाने से शरीर मजबूत और ताकतवर होता है। पुरुषों के लिए सोने के बर्तनों में खाना खाना बहुत ही लाभदायक माना गया है।

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4. मिट्टी के बर्तन
पुराने समय में भोजन मिट्टी के बर्तनों में पकाया जाता है। इन बर्तनों में भोजन पकाने से उसके पौष्टिक तत्व बने रहते हैं और किसी हेल्थ पर किसी प्रकार के दुष्प्रभाव भी नहीं पड़ता।

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5. पत्तल में भोजन करना
शास्त्रों में पत्तल में भोजन करना काफी अच्छा बताया गया है। इसमें भोजन करने से भूख बढ़ती है और पेट की जलन भी खत्म होती है। ताजे पत्तों की बनी पत्तल में भोजन करने से शरीर के जहरीले तत्व भी खत्म होते हैं। शास्त्रों में माना गया है कि सुंदर पत्तल में देवताओं को भोजन करवाने से वे प्रसन्न होते हैं और घर में हमेशा समृद्धि बनी रहती है।

 

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6. एल्युमिनियम और प्लास्टिक
वर्तमान में एल्युमिनियम और प्लास्टिक से बने बर्तनों का चलन भी बढ़ गया है, लेकिन इनका उपयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। आयुर्वेद में भी इस तरह के बर्तनों में खाना पकाने और खाने की मनाही है।

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