उज्जैन. देवप्रबोधिनी एकादशी (25 नवंबर) पर भगवान शालिग्राम की पूजा विशेष रूप से की जाती है। शालिग्राम नेपाल की गंडकी नदी के तल में मिलते हैं। ये काले रंग के चिकने, अंडाकार होते हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार शालिग्राम शिला को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। रोज इनकी पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। जानिए भगवान शालिग्राम की पूजा से जुड़ी कुछ खास बातें-