2002 के वक्त तब मायावती सूबे की सीएम थीं, तब कानपुर के कुछ स्थानीय बसपा नेताओं से इसका अच्छा संबंध था। इसके कारण इसका सिक्का बिल्हौर, शिवराजपुर, रनियां, चौबेपुर के साथ ही कानपुर नगर में चलता था। इस दौरान इसने जमीनों पर अवैध कब्जे के साथ अन्य गैर कानूनी तरीके से करोड़ो की संपत्ति बनाई। जेल में रहने के दौरान शिवराजपुर से नगर पंचयात अध्यक्ष का चुनाव जीत गया।