चार दिन पहले हो गई थी भाई की मौत, फिर से जिंदा करने शव को कमरे बंद कर चार दिन तंत्र साधना करता रहा दूसरा भाई
21वीं सदी की आधुनिक दुनिया में बहुत से ऐसी घटनाएं हो जाती हैं जिनको सुनने के बाद लगता है कि आज भी अज्ञानता और अंधविश्वास जिंदा है। ऐसी ही एक घटना यूपी की राजधानी लखनऊ में सामने आई।
इंस्पेक्टर इटौंजा नंदकिशोर ने मीडिया को बताया कि घटना उसरना गांव की है। यहां मृतक बृजेश की पत्नी और तीन बच्चों, उसके तीन भाइयों तथा मां से पूछताछ की गई है। परिवार के मुताबिक बृजेश रावत की मौत चार दिन पहले बीमारी से हुई थी।
(प्रतीकात्मक फोटो)
छोटे भाई फूलचंद ने घरवालों से कहा था कि वो बृजेश को सात दिन में जिंदा कर देगा। उसने घर वालों को धमकाया कि अगर किसी ने उसकी तंत्र क्रिया में बाधा डाली तो उसका नाश हो जाएगा। इसके बाद वह शव को लेकर घर के एक कमरे में बंद हो गया था।
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पड़ोसियों ने जब बृजेश और फूलचंद्र बारे में पूछा तो परिवार के लोग हड़बड़ा गए। शक होने और बदबू आने पर लोगों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस के पहुंचने पर फूलचंद्र ने दरवाजा खोलने से मना कर दिया।
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जिसके बाद पुलिस ने कमरे का दरवाजा तोड़ दिया। कमरे के अंदर बृजेश का शव पड़ा था और फूलचंद्र उसी के बगल में तंत्र साधना कर रहा था। सूचना पर सीओ बीकेटी ह्रदेश कठेरिया और एसपी ग्रामीण आदित्य भी मौके पर पहुंचे।
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आक्रोशित लोग कथित तांत्रिक फूलचंद को मारने के लिए दौड़े। पुलिस ने भीड़ को समझा बुझाकर फूलचंद को हिरासत में ले लिया। ग्रामीणों के मुताबिक फूलचंद्र काफी समय से तंत्र-मंत्र करता है। फूलचंद से पूछताछ की जा रही है। उसका कहना है कि वह सातवें दिन अपनी तांत्रिक साधना से भाई को जीवित देता, इसलिए तंत्र क्रिया कर रहा था।