पिता ने दी आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए इकलौते बेटे को मुखाग्नि, अधूरी रह गई मां की ये अंतिम इच्छा

मिर्जापुर(Uttar Pradesh). जम्मू कश्मीर के बारामुला में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए यूपी के लाल का शव दोपहर बाद घर पहुंचा। शव आने की खबर मिलते ही आस-पास के इलाके के लोगों का हुजूम इकट्ठा हो गया। कई राजनीतिक व प्रशासनिक लोग भी शहीद के घर पहुंचे। शहीद रवि सिंह के गांव गौरा गांव में उनके घर पर आंखों में आंसू लेकर पहुंचने वालों की सुबह कतार लग गई। इस हादसे की पुष्टि जिला प्रशासन ने देर शाम को की तो वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी घटना पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने परिजनों को 50 लाख की आर्थिक सहायता और परिवार में एक शख्स की सरकारी नौकरी की घोषणा की है।

Asianet News Hindi | Published : Aug 20, 2020 1:59 PM IST
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पिता ने दी आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए इकलौते बेटे को मुखाग्नि, अधूरी रह गई मां की ये अंतिम इच्छा

मिर्जापुर जिले के जिगना थाना क्षेत्र के गौरा गांव के रवि सिंह श्रीनगर के बारामुला में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सोमवार को शहीद हो गए थे। रवि सिंह की शहादत की खबर मिलते ही गांव में मातम का माहौल पसर गया।

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गुरूवार को शहीद का शव गांव पहुंचा और पूरे सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। शहीद की अंतिम यात्रा में हांथों में तिरंगा लिए लोगों का एक हुजूम चल रहा था। पिता ने आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुएअपने इकलौते बेटे को मुखाग्नि दी।  
 

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गौरा गांव के किसान संजय सिंह अपनी दो बेटियों के बीच इकलौते बेटे को वे सेना के जवान के रूप में देखना चाहते थे। देश की रक्षा के लिए सीने में जोश, जज्बा और जुनून के साथ सेना में भर्ती के लिए जुटे रवि ने मात्र 18 साल की उम्र में ही पिता के सपने को साकार कर दिखाया।

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बारामुला में आतंकवादियों से मुठभेड़ में 2 आतंकवादियों को मौत की नींद सुला कर मातृभूमि के लिए शहादत देने वाले लाडले बेटे रवि की वीरता को याद कर लोगों का सीना फख्र से चौड़ा हो गया।

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रवि की दो वर्ष पूर्व ही प्रयागराज के कोरांव में प्रियंका के साथ धूमधाम से शादी हुई थी। उनकी मां रेखा देवी की दिली इच्छा थी कि घर में किलकारियां गूंजे। मां की इच्छा पूरी होने से पहले ही इकलौता बेटा देश के लिए कुर्बान हो गया।
 

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सोमवार को डेढ़ बजे दिन में रवि सिंह ने पहले अपनी पत्नी फिर मां और पिता से एक-एक कर वीडियो कॉलिंग से बात की थी। पिता ने रोते हुए कि बेटा शीघ्र घर आने की बात कह रहा था, अचानक उसने कहा कि पापा आतंकवादियों से मुठभेड़ हो गई है। अब मैं ऑपरेशन में जा रहा हूं। उधर से कॉल कट गई।
 

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श्रीनगर में ही सेना में तैनात एक रिश्तेदार ने पड़ोसी को फोन पर शहीद होने की खबर दी। कानो-कान खबर परिजनों तक पहुंची तो घर में कोहराम मच गया। मां-पत्नी सहित सभी बिलख पड़े। बीती रात 11 बजे बटालियन के मेंजर ने पिता से बात कर बेटे के शहीद होने की सूचना दी।
 

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