NER में पहली बार महिलाओं ने संभाली ट्रेन की पूरी कमान, किसी ने दिखाई हरी झंडी तो कोई संभाल रहा स्टेयरिंग
गोरखपुर (Uttar Pradesh) । आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है। जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। वहीं, गोरखपुर से नौतनवां तक जाने वाली पैसेंजर ट्रेन (55141/55142) को महिलाएं लेकर रवाना हुई तो लोग महिला शक्ति को नमन करते दिखें। बता दें कि इस ट्रेन में पूरा स्टाफ महिलाओं का है। लखनऊ से महिला लोको पायलट (ड्राइवर) समता कुमारी और श्रीती श्रीवास्तव को बुलाया गया है, जो ट्रेन चला रही हैं। गोरखपुर में तैनात गार्ड जागृति श्रीवास्तव ने ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। बता दें कि यह पहला मौका है जब महिलाओं ने पूर्वोत्तर रेलवे (एनईआर) के पैंसेजर ट्रेन की कमान संभाली है।
Ankur Shukla | Published : Mar 8, 2020 6:36 AM IST / Updated: Mar 08 2020, 12:17 PM IST
नौतनवां पैसेंजर को रवाना करने के दौरान कोई औपचारिक कार्यक्रम तो नहीं हुआ, लेकिन स्टेशन डायरेक्टर और स्टेशन प्रबंधक मौजूद रहे। इस दौरान प्लेटफॉर्म पर सभी स्टाफ ट्रैकमैन, प्वाइंटमैन, टीसी, आरपीएफ, जीआरपी, सफाईकर्मी आदि महिलाएं ही मौजूद रहीं। ट्रेन में 10 कोच लगाए गए हैं।
आज सुबह आठ बजे प्लेटफॉर्म नंबर दो से नौतनवां पैसेंजर रवाना हुई। सुबह 11.10 बजे नौतनवां पहुंचेगी। वापसी में नौतनवां स्टेशन से सुबह 11.45 बजे चलेगी और दोपहर 2.25 बजे गोरखपुर जंक्शन पहुंचेगी।
नौतनवां पैसेंजर को रवाना करने के दौरान कोई औपचारिक कार्यक्रम तो नहीं हुआ, लेकिन स्टेशन डायरेक्टर और स्टेशन प्रबंधक मौजूद रहे। इस दौरान प्लेटफॉर्म पर सभी स्टाफ ट्रैकमैन, प्वाइंटमैन, टीसी, आरपीएफ, जीआरपी, सफाईकर्मी आदि महिलाएं ही मौजूद रहीं। ट्रेन में 10 कोच लगाए गए हैं।
टिकट निरीक्षकों और सुरक्षाकर्मियों ने भी बोगियों की जिम्मेदारी संभाल ली। आरपीएफ इंस्पेक्टर अंजुलता द्विवेदी के नेतृत्व में महिला सुरक्षाकर्मियों ने एक-एक बोगियों की सुरक्षा अपने हाथों में ले लीं। यात्रियों से भरी ट्रेन नौतनवां के लिए रफ्तार पकड़ ली। टिकट निरीक्षक किरन, ज्योति शुक्ला, सरिता लाकड़ा, सरोजनी यादव और रेखा झा ने यात्रियों का टिकट चेक करना शुरू कर दिया।
सीपीआरओ एनईआर पंकज कुमार सिंह ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला रेलकर्मी द्वारा दिए जा रहे योगदान को प्रदर्शित करने के लिए गोरखपुर-नौतनवां पैसेंजर ट्रेन का संचालन पूरी तरह से महिलाओं के जिम्मे किया गया है। महिलाओं की सुरक्षा व सम्मान के लिए रेल प्रशासन सदैव संवेदनशील रहा है।