युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर सड़क पर फेंका, जांच कर रही पुलिस टीम ने अर्धविक्षिप्त बता कर किया किनारा

गोरखपुर(Uttar Pradesh). गुलरिहा इलाके के भटहट कस्बे में अर्धनग्न हालत में मिली युवती के अपहरण और सामूहिक दुष्कर्म के मामले में अब पुलिस पर ही सवाल खड़े होते जा रहे हैं। मामले की तफ्तीश कर रही महराजगंज जिले की श्यामदेउरवा पुलिस सवालों से घिरती जा रही है। शुरू में पुलिस ने युवती को विक्षिप्त बताकर घटना को खारिज करने की कोशिश की। लेकिन मामले के 12 दिन बीतने के बाद भी पुलिस ये नहीं तय कर पाई है कि उसके साथ दुष्कर्म हुआ था या नहीं। एक आरोपित का मोबाइल नंबर भी पुलिस पास मौजूद है, लेकिन अभी तक उस नंबर की पड़ताल करने की पुलिस ने जरूरत नहीं समझा। 
 

Asianet News Hindi | Published : Sep 15, 2020 10:11 AM IST

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युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर सड़क पर फेंका, जांच कर रही पुलिस टीम ने अर्धविक्षिप्त बता कर किया किनारा

मामला 12 दिन पहले का है जब बाइक सवार पांच युवक दो सितंबर को युवती को भटहट कस्बे में एक नर्सिंगहोम के सामने फेंक गए थे। इस घटना का कस्बे के कई लोग चश्मदीद गवाह हैं। युवती ने पुलिस को बताया था कि अपहर्ता उसे खाली पड़े मकान में ले गए थे। जहां उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। चार अपहर्ता कहीं चले गए थे। उनका पांचवा साथी उसकी रखवाली के लिए रुका हुआ था। उसके बाथरूम जाने पर युवती ने उसे मोबाइल से अपने एक पुरुष मित्र को फोन किया था। अपहर्ता का वह नंबर पुलिस को मिल गया है, लेकिन न तो उसकी काल डिटेल चेक की गई और न ही उस नंबर का इस्तेमाल करने वाले के बारे में पता लगाया गया।
 

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भटहट प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से युवती को मेडिकल कालेज में रेफर किया गया था। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डाक्टर ने युवती को गायनिक जांच के लिए लिखा था। युवती के मेडिकल कालेज पहुंचने के कुछ देर बाद ही श्यामदेउरवा पुलिस भी पहुंच गई।
 

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पीड़िता के पिता से कुछ देर बातचीत करने के बाद पुलिस ने पीड़िता को विक्षिप्त बताकर अपहरण और दुष्कर्म की घटना को फर्जी करार दे डाला। इतना ही नहीं पुलिस के कहने पर हताश पीड़िता के परिवार के लोग उसे लेकर घर चले गए थे।

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पहले दिन से ही श्यामदेउरवा पुलिस घटना को खारिज करने में जुटी रही। इतना ही नहीं उच्चाधिकारियों को इस घटना की भनक नहीं लगने दी। तीन सितंबर को मामल मीडिया में आने के बाद अधिकारियों को इस बारे में पता चला तो उन्होंने पूछताछ की। श्यामदेउरवा पुलिस ने उन्हें भी युवती को विक्षिप्त होने की रिपोर्ट देकर गुमराह कर दिया। एडीजी जोन के संज्ञान लेने पर चार सितंबर को पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया।
 

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मामले में ADG जोन दावा शेरपा का कहना है कि महिलाओं से जुड़े अपराध में तत्काल संज्ञान लेने का निर्देश है। इस तरह के किसी भी मामले की विवेचना में किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं होनी चाहिए। युवती के अपहरण और दुष्कर्म के मामले में पुलिस की लापरवाही पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 
 

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