आगरा के जमातियों की कुंडली खुली, पाकिस्तानियों के साथ नेपाल की मस्जिद में ली थी शरण
आगरा(Uttar Pradesh ). दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज के तब्लीगी जमात में शामिल लोगों ने कोरोना का ग्राफ बढ़ा दिया है। निजामुद्दीन मरकज से लौटे जमातियों में से छह की तेलंगाना में मौत और मेरठ में एक ही परिवार के आठ सदस्यों में कोरोना पॉजिटिव आने के बाद देशभर में खलबली मच गई थी। जिसके बाद से पुलिस जमातियों को ढूंढ-ढूंढ कर क्वारंटाइन कराने में लग गई। इसी बीच ताजनगरी आगरा से एक बड़ी खबर सामने आई है। आगरा में तब्लीगी जमात में शामिल हुए कुछ लोग नेपाल में पाकिस्तानी जमातियों के साथ एक मस्जिद में रुके थे। खुफिया विभाग की इस सूचना के बाद पुलिस की नींद उड़ी हुई है। अब पुलिस इन जमातियों की कुंडली खंगालने में लग गई है।
दक्षिणी दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में आयोजित जमात में देश विदेश से हजारों लोग इकट्ठा हुए थे। इनमे कोरोना वायरस फैलने के बाद यह मामला सामने आया।
आगरा के जमाती दिल्ली की जमात से लौटने के बाद धर्म के प्रचार के लिए गोरखपुर गए थे। उसी दौरान वहां लॉकडाउन हो गया। जब उन्हें खाने-पीने की दिक्क्त सामने आई तो वह नेपाल चले गए क्योंकि वहां लॉकडाउन नहीं था। नेपाल में इन जमातियों ने एक मस्जिद में शरण ली।
नेपाल में आगरा के इन जमातियों साथ मस्जिद में पाकिस्तानी जमातियों ने भी शरण ली थी। ये कई दिन तक मस्जिद में पाकिस्तानियों के साथ ही थे। ऐसे में पुलिस पकड़े गए आगरा के इन जमातियों से पूंछताछ कर रही है।
आगरा से तब्लीगी जमात में गए जमातियों के नेपाल में पाक जमातियों के साथ मिलने से कई सवाल खडे़ हो रहे हैं। एक बड़ी बात ये सामने आ रही है कि नेपाल में रुकने वाले जमातियों के परिजनों ने पुलिस को इसकी जानकारी क्यों नहीं दी। अब खुफिया एजेंसी वहां मिले जमातियों की पूरी कुंडली तैयार कर रही हैं। अगर उनका पाक जमातियों से संपर्क निकला तो उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
उत्तर प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव लोगों की अब तक संख्या 333 है। सबसे चिंताजनक बात ये हैं कि इन 333 मरीजों में से 183 वो लोग हैं जो तब्लीगी जमात में शामिल हुए थे। ऐसे में पुलिस इस समय जमातियों को चिन्हित कर उन्हें क्वारंटाइन और आइसोलेट कराने में लगी हुई है।