जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल बने मनोज सिन्हा,घूमने का रखते हैं शौक, ईमानदार सांसद का जीत चुके हैं खिताब

गाजीपुर (Uttar Pradesh) ।  मनोज सिन्हा को जम्मू-कश्मीर का नया उप राज्यपाल नियुक्त किया गया है। गाजीपुर के निवासी मनोज सिन्हा मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में रेल राज्य मंत्री भी रहे थे। हालांकि 2019 के चुनाव में उन्हें गाजीपुर सीट से मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी थी। मनोज सिन्हा के लिए कहा जाता है कि इन्हें घूमने का शौक है। खेती-किसानी से जुड़े परिवार में जन्म लेने की वजह से इनका दिल हमेशा किसान और गांव के लिए धड़कता है। उनका लगाव पिछड़े गांवों की तरफ हमेशा से ही रहा है। इतना ही नहीं, उन्हें ईमानदार सांसद का भी खिताब मिल चुका है। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 6, 2020 3:39 AM IST / Updated: Aug 06 2020, 09:20 AM IST

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जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल बने मनोज सिन्हा,घूमने का रखते हैं  शौक, ईमानदार सांसद का जीत चुके हैं खिताब

साफ-सुथरी छवि के नेता मनोज सिन्हा का जन्म का जन्म 1 जुलाई 1959 में उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के मोहनपुरा में हुआ। ये ब्राह्मण जाति के भूमिहार वर्ग से ताल्लुक रखते हैं। 

(फाइल फोटो)

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मनोज सिन्हा ने गाजीपुर से ही अपनी स्कूली शिक्षा हासिल की और फिर बीएचयू स्थित आईआईटी से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया। इसके बाद मनोज सिन्हा ने एमटेक की डिग्री भी हासिल की। छात्र जीवन से ही राजनीति की तरफ रहा बढे थे। वे 1982 में बीएचयू छात्रसंघ के अध्यक्ष भी बने।

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इसके बाद से मनोज सिन्हा 1996 में पहली बार गाजीपुर सीट से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। इसके बाद 1999 और 2014 में मनोज सिन्हा तीसरी बार लोकसभा के लिए चुने गए और मोदी सरकार में रेल राज्य मंत्री बने। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने गाजीपुर को कई ट्रेनों की सौगात दी।
(फाइल फोटो)

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मनोज सिन्हा की सबसे बड़ी उपलब्धि ये है कि उन्हें राजनीति में एक ईमानदार नेता के रूप में जाना जाता है। देश की एक लीडिंग मैगजीन ने उन्हें वर्तमान के सबसे इमानदार सांसद का खइताब दिया है।

(फाइल फोटो)

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मैगजीन के मुताबिक वर्तमान में मनोज सिन्हा उन ईमानदार नेताओं में शुमार हैं, जिहोंने अपने सांसद निधि का शत-प्रतिशत इस्तेमाल लोगों के विकास के लिए लगाया है। 
 

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