बस में सफर कर रहे यात्रियों की जुबानी, इतनी तेज थी आग कि पल में राख हो जाए इंसान
कन्नौज (Uttar Pradesh). यूपी के कन्नौज में हुए बस हादसे में करीब 20 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो गई है। हादसा शुक्रवार रात दिल्ली-कानपुर जीटी रोड पर छिबरामऊ में घिलोई के पास हुआ। आमने-सामने भिड़ंत के बाद ट्रक और स्लीपर बस में आग लग गई, जिससे बस और ट्रक धू-धूकर जल उठे। बस में करीब 45 यात्री थे। कुछ ने खिड़की से कूदकर जान बचाई। अस्पताल में भर्ती घायलों ने हादसे की पूरी दास्तां बताई।
जानकारी के मुताबिक, फर्रुखाबाद की स्लीपर बस गुरसहायगंज से सवारियां लेकर जयपुर जा रही थी। रात करीब साढे आठ बजे छिबरामऊ से करीब चार किलोमीटर दूर घिलोई गांव के पास बेवर की तरफ से आ रहे तेज रफ्तार ट्रक से आमने सामने की भिड़ंत हो गई।
स्लीपर बस में सफर कर रहे चांदापुर के रहने वाले रणसिंह कहते हैं, अचानक तेज आवाज आई फिर कुछ पलों के लिए अंधेरा छा गया। तेज धमाकों के साथ आग की लपटें उठने लगीं। बस में चीखपुकार मच गई। लोगों अपनी सीटों छोड़कर भागने लगे। गेट के पास आग लग चुकी थी। मैं खिड़की का सीसा तोड़ वहां से बाहर कूद गया। बस में बहुत भीड़ थी, पता नहीं उन सब का क्या हुआ होगा? आग इतनी तेज थी कि पल में इंसान राख हो जाए।
घिलोई गांव के प्रत्यक्षदर्शी कुछ युवकों ने बताया, आग की लपटें इतनी तेज थी कि वो मदद के लिए पास जाने की हिम्मत नहीं जुटा सके। कुछ ही देर बाद बस में एक के बाद एक तीन विस्फोट हुए।
बस से घायल अवस्था में नीचे उतरीं नरेनापुर की उर्मिला कहती हैं, मैं अपनी बेटी प्रिया के साथ जयपुर जा रही थीं। बस में 45 सवारियां थीं। बेटी का पता नहीं चल पा रहा है। बस में सिवाए चीख पुकार के कुछ सुनाई नहीं दे रहा था। चारों तरफ अंधेरा था। मुझे नहीं पता मैं बस से बाहर कैसे निकली।
कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल ने कहा, शव बुरी तरह जले हुए हैं, हड्डियां तक बिखरी हुई हैं, केवल डीएनए टेस्ट से ही मृतकों की सही संख्या बताई जा सकती है। हादसा इतना भीषण था कि मृतकों की संख्या डीएनए टेस्ट से ही तय की जा सकती है।
दमकल की गाड़ियां वहां पहुंच गईं, लेकिन आग इतनी तेज थी कि कुछ ही देर में दमकल की गाड़ियों का पानी खत्म हो गया। फिर दूसरी गाड़ियां बुलवाई गई।