कानपुर एनकाउंटर: हर मूवमेंट की जानकारी लेकर पुलिस पर 3 ओर से किया हमला, 4 थानों की फोर्स कुछ समझ ना सकी...!

कानपुर(Uttar Pradesh). उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक हिस्ट्रीशीटर अपराधी विकास दुबे  को पकड़ने गए 8 पुलिस कर्मी बदमाशों की गोलीबारी में शहीद हो गए हैं, वहीं 7 घायल हुए हैं। शहीद हुए पुलिस कर्मियों में एक CO भी हैं। इस घटना ने प्रदेश को हिलाकर रख दिया है। हिस्ट्रीशीटर के खिलाफ जान से मारने की कोशिश की एक एफआईआर के बाद उसे पकड़ने के लिए चलाया गया ऑपरेशन प्लान पूरी तरह से फेल रहा। दुखद ये रहा कि इस ऑपरेशन में यूपी पुलिस के 8 जांबाज शहीद हो गए। हांलाकि कुछ देर बाद पुलिस ने भी दबिश देकर विकास गैंग में शामिल उसके दो बदमाशों को मार गिराया। दोनों ही उसके रिश्तेदार बताए जा रहे हैं। इनके पास से पुलिस की लूटी हुई पिस्टल भी बरामद हुई है। आइए जानते हैं कि इस घटना की शुरुआत कैसे हुई।

Asianet News Hindi | Published : Jul 3, 2020 10:41 AM IST
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कानपुर एनकाउंटर: हर मूवमेंट की जानकारी लेकर पुलिस पर 3 ओर से किया हमला, 4 थानों की फोर्स कुछ समझ ना सकी...!

चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में एक शख्स ने गांव के ही रहने वाले हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे पर जानलेवा हमला करने की एफआईआर दर्ज कराई थी। देर रात एसओ शिवराजपुर महेश यादव अपने हमराहियों के साथ शातिर अपराधी विकास दुबे के घर दबिश देने पहुंचते हैं। बताया जा रहा है कि इस दौरान विकास दुबे की एसओ से कहासुनी हुई और कई बदमाश पुलिस टीम से मारपीट करते हैं और उनके असलहे छीन लेते हैं। इसके बाद एसओ ने आनन-फानन में सीओ बिल्हौर, देवेंद्र कुमार मिश्र को इसकी सूचना दिया और पुलिस टीम भेजने का आग्रह किया। सूचना के बाद सीओ बिल्हौर खुद ही चार थानों की फोर्स लेकर मौके पर पहुंचते हैं। इनमें शिवराजपुर के साथ ही चौबेपुर, बिल्हौर, घाटमपुर की फोर्स शामिल थी। 
 

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पुलिस सीओ देवेंद्र कुमार मिश्र की अगुवाई में विकास के घर को चारों तरफ से घेर लेती है। विकास दुबे का मकान किले की तरह बना है। मकान में करीब 10 फुट ऊंची बाउंड्री और उसके उपर तारों की फेंसिंग लगी है। छापे के दौरान पुलिस टीम ने मकान का दरवाजा तोड़ा और अंदर बदमाशों को पकड़ने की कोशिश कर रही थी कि बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी।

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पुलिस टीम जैसे ही दरवाजा तोड़ कर बाउंड्री के दाखिल हुई अचानक गोलियां चलने लगीं। पुलिस पार्टी इसके लिए जरा भी तैयार नहीं थी कि अंदर से इस तरह गोलियों की बौछार होगी। सामने के आलावा छतों से भी गोलियां चलाई जा रहीं थीं। जिसके बाद बदमाशों की गोलियों से पुलिस टीम के 8 जांबाज शहीद हो गए। अचानक हुए इस हमले से पुलिस पार्टी बैकफुट पर आ गई उन्हें जवाबी फायरिंग करने का मौक़ा ही नहीं मिला। जब तक पुलिस टीम संभलती बदमाश अंधेरे का लाभ उठाकर फरार हो गए।

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बताया ये भी जा रहा है कि पुलिस टीम को घेरकर फायरिंग की गई। तीन ओर से घेर कर पुलिस टीम पर फायरिंग की बात सामने आ रही है। सूबे के डीजीपी एचसी अवस्थी ने बताया कि पुलिस टीम पर विकास दुबे के मकान के आसपास के मकानों से भी फायरिंग की गई। हालांकि ये अभी तक साफ नहीं हो सका है कि फायरिंग करने वाले कितने लोग थे। जांच की जा रही है उसके बाद कार्रवाई की जाएगी।

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बताया ये भी जा रहा है कि पुलिस टीम को घेरकर फायरिंग की गई। तीन ओर से घेर कर पुलिस टीम पर फायरिंग की बात सामने आ रही है। सूबे के डीजीपी एचसी अवस्थी ने बताया कि पुलिस टीम पर विकास दुबे के मकान के आसपास के मकानों से भी फायरिंग की गई। हालांकि ये अभी तक साफ नहीं हो सका है कि फायरिंग करने वाले कितने लोग थे। जांच की जा रही है उसके बाद कार्रवाई की जाएगी।
 

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पूरे घटनाक्रम में पुलिस पर भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कैसे पहले से ही विकास दुबे को पुलिस की दबिश की सूचना मिल गई। पूरा घटनाक्रम इस ओर इशारा कर रहा है कि जैसे विकास दुबे को पुलिस की दबिश की पूरी जानकारी थी। उसने किसी भी हद तक जाने की तैयारी कर रखी थी। देर रात जब पुलिस की टीमें उसके घर पहुंच गईं और उसके बचने का कोई रास्ता न निकला तो उसने जघन्य हत्याकांड को अंजाम दे दिया। सड़क पर रास्ता रोककर लगाई गई जेसीबी भी रेड की पूर्व सूचना होने की तस्दीक कर रही है।
 

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इस एनकाउंटर के बाद पुलिस ने छापेमारी तेज कर दी और कुछ घंटे बाद ही उसे सफलता हाथ लगी। शुक्रवार सुबह पुलिस ने मुठभेड़ में विकास दुबे के दो रिश्तेदारों को मुठभेड़ में मार गिराया। ग्रामीणों ने प्रेम प्रकाश और अतुल दुबे के रूप में पहचाना है। पुलिस ने इनके पास से देर रात मुठभेड़ में लूटी गई राइफल व पिस्टल भी बरामद किया है। 
 

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