मथुरा (Uttar Pradesh). कान्हा की नगरी मथुरा में जिला कारागार में बंद 2 कैदी इरशाद और इकबाल ने बांके बिहारी के लिए एक पोशाक तैयार की है। दोनों ने दिनों रात सिलाई मशीन से सीलकर इस पोशाक को बनाया है। इसके लिए उन्हें लखनऊ में सामाजिक संस्था ने सम्मानित किया। साथ ही जेल प्रशासन ने भी उनकी प्रशंसा की।
जेल अधीक्षक शैलेन्द्र कुमार मैत्रय ने बताया, जिला कारागार मथुरा में कैदियों को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए कई तरह के ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। ताकि जेल से छूटने के बाद उन्हें रोजगार मिल सके। इसी के तहत सिलाई केंद्र में करीब आधा दर्जन बंदियों द्वारा सिलाई के माध्यम से अपने हुनर का प्रदर्शन किया जा रहा है।
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मोहम्मद इरशाद एसिड अटैक के मामले में 2016 से जेल में बंद है और इकबाल दुष्कर्म के मामले में 2018 से जेल में है। दोनों ने मिलकर भगवान बांके बिहारी के लिए कई पोशाक तैयार की है।
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पोशाक तैयार करने के लिए कपड़े जेल प्रशासन ने मुहैय्या कराए। जेल में चंदन की माला, गोपाल जी का मुकुट, पोशाक, दीपक, मोमबत्ती तथा ऑर्डर मिलने पर अन्य सामान तैयार किया जा रहा है।
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तिनका तिनका इंडिया फाउंडेशन के द्वारा इन दोनों कैदियों को चार दिन पहले लखनऊ में हुए एक कार्यक्रम में सम्मानित किया गया।
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दोनों ने दिनों रात सिलाई मशीन से सीलकर इस पोशाक को बनाया है।
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बांके बिहारी मंदिर मथुरा में रोजाना भारी भक्तों की भीड़ जुटती है।
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जिला कारागार मथुरा में कैदियों को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए कई तरह के ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
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