जेल में बंद 8 दिन की दुल्हन मांग रही इंसाफ, कहा- विकास दुबे की पत्नी को क्लीन चिट तो मुझे क्यों नहीं...

कानपुर(Uttar Pradesh).  कानपुर के बिकरू गांव में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है। शुक्रवार सुबह मुख्य आरोपी विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद पुलिस उसकी गैंग के फरार आरोपियों को पकड़ने में लगी हुई है। विकास दुबे एनकाउंटर पर पुलिस द्वारा बताई गई कहानी पर तो सवाल उठ ही रहे हैं दूसरी ओर विकास दुबे की पत्नी को क्लीन चिट और उसके साथी अमर दुबे की 8 दिन की विवाहिता को जेल भेजे जाने पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। पुलिस की ये कार्रवाई किसी के गले नहीं उतर रही है। पुलिस की इस कार्रवाई पर एनकाउंटर में मारे गए अमर दुबे की दादी सर्वेश्वरी देवी ने सवाल उठाया है।
 

Asianet News Hindi | Published : Jul 11, 2020 6:10 AM IST / Updated: Jul 11 2020, 11:45 AM IST

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जेल में बंद 8 दिन की दुल्हन मांग रही इंसाफ, कहा- विकास दुबे की पत्नी को क्लीन चिट तो मुझे क्यों नहीं...

8 जुलाई को हमीरपुर में मारे गए विकास गैंग के मुख्य शूटर अमर दुबे की दादी ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। अमर की दादी सर्वेश्वरी का कहना है कि जब मुख्य आरोपी विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद उसकी पत्नी और बेटे को क्लीन चिट दे कर छोड़ दिया गया, तो पोते अमर के एनकाउंटर के बाद उसकी 8 दिन की नवविवाहिता को जेल में क्यों रखा गया है।
 

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उम्र के आखिरी पड़ाव में अपने पूरे परिवार को बिखरते देख सर्वेश्वरी दुबे के आंखों से आने वाले आंसू रुक नहीं रहे हैं। वह कह रही हैं कि अभी तो शहनाई की गूंज थमी नहीं थी कि पूरा घर तबाह हो गया।
 

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अमर की दादी सर्वेश्वरी का कहना है कि अगर अमर इस पूरे घटनाक्रम में अहम रोल अदा करने वाला था तो उसे उसके किए की सजा मिल गई। पुलिस ने उसे मुठभेड़ में मार गिराया लेकिन 3 दिन पहले घर आई खुशी का क्या गुनाह था? जो पुलिस ने उसे जेल भेज दिया। उन्होंने पूछा कि अपराधी विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे पर पुलिस क्यों मेहरबान हो गई?
 

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वहीं अमर की पत्नी खुशी के मां-पिता एक न्यूज चैनल से बात करते हुए रो पड़े। उनका कहना है कि हमें भी जीने का हक नहीं क्योंकि हमारा गुनाह ये है कि हमने एक बेटी को जन्म दिया। हमने परिवार में आने वाली लक्ष्मी का नाम खुशी रखा। इस अरमान से नाम खुशी रखा कि यह जीवन भर खुश रहे। यह अपने परिवार को खुशियां ही दें लेकिन आज लगता है कि हम बिन औलाद ही ठीक थे।

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खुशी के मां-पिता ने कहा कि वह इतनी भी हिम्मत नहीं रखते हैं कि अपनी बेटी को देखने जेल तक चले जाएं। उन्हें डर है कि बेगुनाह बेटी को जब पुलिस वालों ने आरोपी बनाकर जेल भेज दिया तो कहीं उन्हें भी जेल न भेज दे। क्योंकि बेटी को जन्म तो हम ही ने दिया था।

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गौरतलब है कि कानपुर शूटआउट मामले में अब तक पुलिस ने मुख्य आरोपी विकास दुबे समेत 6 लोगों को मार गिराया है। इसमें उसका राईट हैंड माना जाने वाला अमर दुबे भी शामिल था। अमर दुबे को बीते 8 जुलाई की सुबह हमीरपुर के मौदहा में UPSTF और हमीरपुर पुलिस ने एनकाउंटर मार गिराया था।

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जिस दिन अमर दुबे का एनकाउंटर हुआ उसके ठीक 8 दिन पहले यानि 29 जून को अमर दुबे की शादी हुई थी। शादी के तीसरे दिन ही पुलिसवालों की हत्या की वारदात के बाद अमर दुबे नवविवाहिता पत्नी को छोड़कर फरार हो गया था जिसके बाद पुलिस ने अमर की मां व उसकी पत्नी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

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