लखनऊ (Uttar Pradesh)। गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) में फैले कोरोना वायरस के संक्रमण को नियंत्रण करने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने सुहास एलवाई को नया डीएम नियुक्त किया है, जिनकी प्रोफाइल काफी दमदार हैं। वो स्टेट के बेस्ट पैरा स्पोर्ट्सपर्सन के अलावा यश भारती पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुके हैं। नोएडा को कोरोना से बचाने के लिए तैनात किए गए सुहास एलवाई इससे पहले लखनऊ में यूपी के नियोजन विभाग में स्पेशल सेक्रेटरी पद पर तैनात थे। लेकिन, उनकी और 2004 बैच की पीसीएस अफसर ऋतु सुहास भी कम नहीं। अफसर होते हुए मिसेज इंडिया-2019 का खिताब जीतने वाली ऋतु सुहास प्रतियोगी स्टूडेंट के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं, क्योंकि कभी उनके पास कोचिंग और अखबार के महीने पूरे होने पर पैसे नहीं जुट पाते थे। हालांकि अपनी एक सहेली के नोट्स के माध्यम से सेल्फ स्टडी कर अपना मुकाम हासिल किया और इस समय एलडीए में ज्वांइट सेकेट्री के पद पर तैनात हैं।
ऋतु सुहास ने 2003 में पीसीएस की तैयारी करने का डिसीजन किया। रिश्तेदार घर से बाहर निकलकर पढ़ाई करने से खुश नहीं थे। लेकिन, पैरेंट्स ने मेरा पूरा सपोर्ट किया। मां एक-एक पैसे जोड़ा करती थी। ताकि हम भाई बहन की छोटी-छोटी जरुरतें पूरी हो सकें।
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ऋतु ने बताया कि, घर में फाइनेंसियल प्रॉब्लम काफी ज्यादा थी, कोचिंग की फीस जमा करने के लिए पैसे नहीं थे। एक इंग्लिश न्यूज पेपर डेली पढ़ती थी। लेकिन, महीने में पैसे देने के लिए नहीं जुट पाते थे। इसलिए छोटे-छोटे बच्चों को ट्यूशन पढ़ाना शुरू किया।
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ऋतु ने बताया कि मेरी एक फ्रैंड थी, वह भी पीसीएस की कोचिंग करती थी। मैं रोज शाम को उसके घर जाकर उसके नोट्स से अपना नोट्स तैयार करती थी। बाद में उसे पढ़ा करती थी। मेरी मैरिज 2008 में सुहास एलवाई से हुई थी। मेरे 2 बच्चे हैं, बेटा और बेटी।
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पीसीएस इंटरव्यू के लिए शीशे के सामने रोज बैठकर अपने आप को देखकर बोलने की प्रैक्टिस करती थी। इससे मेरी बोलने की झिझक खत्म हुई और कुछ ही दिनों के अंदर मैंने फर्राटेदार बोलना शुरू कर दिया। मैंने 2003 में पीसीएस का इंटरव्यू दिया और क्वालीफाई कर गई।
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मातृत्व देखरेख के लिए 2 मोबाइल एप ‘कुपोषण का दर्पण’ और ‘प्रेग्नेंसी का दर्पण’ तैयार किया था। इस एप का प्रेग्नेंट वुमन को काफी फायदा पहुंचा। मिसेज इंडिया-2019 का खिताब अपने नाम कर चुकी हैं।