तो क्या लड़की को इम्प्रेस करने के चक्कर में 9वीं के छात्र ने क्लासरूम में लगाई फांसी, डायरी में लिखी ये बातें

कानपुर (Uttar Pradesh). यूपी के कानपुर में स्कूल के क्लासरूम में फांसी लगाने वाले 9वीं के छात्र की एक नोटबुक मिली है, जिसमें उसने आत्महत्या से पहले कुछ बातें लिखी। इसमें एक छात्रा का भी जिक्र किया गया है। पुलिस अब डायरी में लिखी बातों को लेकर भी जांच कर रही है। सीओ अजीत सिंह चौहान ने बताया, फोरेंसिक एक्सपर्ट की मदद से सबूतों की जांच करवाई जा रही है। बच्चों और स्कूल स्टाफ से भी पूछताछ चल रही है।

Asianet News Hindi | Published : Feb 4, 2020 7:51 AM IST / Updated: Feb 04 2020, 01:29 PM IST
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तो क्या लड़की को इम्प्रेस करने के चक्कर में 9वीं के छात्र ने क्लासरूम में लगाई फांसी, डायरी में लिखी ये बातें
मामला नवाबगंज थाना क्षेत्र के विकासनगर स्थित जुगल देवी स्कूल का है। यहां सोमवार को क्लास रूम में 9वीं के छात्र का शव फांसी के फंदे पर लटका मिला। गोंडा का रहने वाले प्राइमरी स्कूल के टीचर कामता प्रसाद का बेटा आशुतोष स्कूल में क्लास 9वीं का छात्र था। वो स्कूल के ही हॉस्टल में रहता था। आशुतोष का एक भाई अभिलाष है। 10 साल पहले अभिलाष के जन्म के साथ ही मां का निधन हो गया था। तब आशुतोष 5 साल का था। पिता की दूर पोस्टिंग की वजह से वह बच्चों को समय नहीं दे पाते थे।
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बचपन में ही मां का साया छिनने के बाद दोनों भाईयों को दादी-बाबा ने पाला। आशुतोष मां का काफी दुलारा था। इसलिए मां को याद कर अक्सर बेचैन हो उठता था। स्कूल के दोस्तों ने बताया कि मां को याद कर वह अक्सर रोता भी था।
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पुलिस को आशुतोष के हॉस्टल के बेड से एक नोटबुक मिली है, जिसके आखिरी में उसने एक छात्रा का नाम भी लिखा है। बेड पर उसी छात्रा की डायरी भी मिली है। डायरी में एक संस्था की ओर से आयोजित टैलेंट डेवलेपमेंट परीक्षा का एडमिट कार्ड था। नोटबुक के आखिरी पेज पर लिखा है, हर इंसान अपने दोस्तों की तुलना में अपनी क्षमताओं को जानता है। मुझे अच्छे दोस्तों की संगत मिली जो काफी सहयोगी भावना के हैं। लेकिन कभी-कभी मुझे उनके सामने शर्मिंदा होना पड़ता है, जब वे फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हैं। इससे पहले मेरी पढ़ाई तेलुगू मीडियम स्कूल में हुई। इस वजह से अंग्रेजी बोलने में बच्चों को हिचक महसूस होती थी, लेकिन वहां इसके अलावा कोई और स्कूल भी नहीं था। मैं तुमसे वादा करता हूं कि बहुत जल्द अच्छी अंग्रेजी बोलने लगूंगा।
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स्कूल के प्रिंसिपल हरि प्रसाद शर्मा ने कहा, आशुतोष क्लास का सबसे होनहार छात्र था। उसे कभी इतना दुखी नहीं देखा गया।
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डायरी में आशुतोष ने अपने नाम से जोड़कर छात्रा का नाम लिखा है और साइन भी किए हैं। पुलिस का मानना है कि वह छात्रा से दोस्ती करना चाहता था, इस वजह से वह अंग्रेजी बोलना सीख भी रहा था। पुलिस छात्रा की डायरी आशुतोष के पास कैसे और क्यों आई? इसकी जांच कर रही है।
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