प्रयागराज में संगम तीरे भोर से ही स्नान ध्यान का दौर चल रहा है। जानकार बताते हैं कि मकर संक्रांति प्रात? सूर्योदय के बाद पुण्यकाल में पवित्र स्थानों पर स्नान दान का महत्व होता है। इस पुण्यकाल में स्नान, सूर्य उपासना , जप , अनुष्ठान, दान-दक्षिणा करते है। काले तिल, गुड़ , खिचड़ी, कंबल व लकड़ी के दान का विशेष महत्व है।