मोस्ट वांटेड विकास दुबे की ताकत और दिमाग के पीछे थे ये 6 गुर्गे, यूपी पुलिस ने एक-एक का किया ये हश्र

कानपुर(Uttar Pradesh).  8 पुलिसवालों की हत्या के आरोपी विकास दुबे पर यूपी पुलिस तेजी से शिकंजा कस रही है। एक तरफ पुलिस उसकी अवैध कार्यों से कमाई गई बेशुमार संपत्ति जब्त कर रही है दूसरी ओर उसकी गैंग में शामिल उसके बेहद करीबी लोगों ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है। 2 जुलाई की रात कानपुर के बिकरू गांव में हुए खूनी खेल के बाद से अब तक पुलिस विकास दुबे के इन 6 खास लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर चुकी है। इनमे से 4 एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं जबकि 2 को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया गया है। कहा जा रहा है कि विकास की ताकत और शातिर दिमाग के पीछे इनका बड़ा रोल था। 
 

Asianet News Hindi | Published : Jul 8, 2020 10:25 AM IST

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मोस्ट वांटेड विकास दुबे की ताकत और दिमाग के पीछे थे ये 6 गुर्गे, यूपी पुलिस ने एक-एक का किया ये हश्र

कानपुर के बिकरू गांव में 8 पुलिसवालों की हत्या ने यूपी पुलिस को हिलाकर रख दिया है। खुद सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ इस मामले में सख्त हो गए हैं और उन्होंने इस पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। सीएम योगी ने साफ़ कह दिया है कि किसी भी हाल में अपराधी बचने नहीं चाहिए। यही नहीं इसके साथ ही यूपी पुलिस ने पूरे प्रदेश में अपराधियों के खिलाफ अभियान चला दिया है। पिछले दो दिन में प्रदेश के 6 बड़े अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनकी करोड़ों की संपत्ति जब्त किया है।

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UP STF ने बुधवार की सुबह कानपुर हत्याकांड के वांछितों की लिस्ट में नंबर एक पर रहे विकास के बेहद करीबी अमर दुबे को एनकाउंटर में मार गिराया। अमर दुबे घटना के बाद विकास दुबे के साथ ही भागा था और वो विकास के सबसे खास गुर्गों में से एक था।
 

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7 जुलाई की रात पुलिस ने हरियाणा के फरीदाबाद से विकास के पड़ोसी व उसकी गैंग में बेहद सक्रिय रहने वाले प्रभात मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया। प्रभात साये की तरह विकास के साथ रहता था और उसके हर अपराध में सहभागी रहता था। चर्चा है कि पुलिस ने उसके पास से चार पिस्टल बरामद की है जिसमे से दो पुलिस की है, जो वारदात के दिन गायब हो गई थी।
 

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शूट आउट के 3 दिन बाद बीते रविवार को तड़के विकास का करीबी साथी दयाशंकर अग्निहोत्री गिरफ्तार कर लिया गया। वह पुलिस पर हमले के समय विकास के साथ था। उस पर 25 हजार का इनाम था। विकास ने पुलिस पर जिस बन्दूक से फायरिंग की वह दयाशंकर के ही नाम थी। दयाशंकर ने पुलिस को विकास के कई अहम राज बताए ।

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इसके पहले 2 जुलाई की रात जब विकास ने अपने गुर्गों से साथ पुलिस टीम पर हमला बोलकर 8 पुलिकर्मियों को मौत के घाट उतारा उसके अगले ही दिन पुलिस ने उसके मामा प्रेम प्रकाश पांडेय को एनकाउंटर में ढेर कर दिया। उसके वह भी शातिर अपराधी था और विकास का बेहद भरोसेमंद था। उसके पास से पुलिस से लूटी गई एक पिस्टल भी बरामद हुई थी।

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विकास के मामा प्रेमप्रकाश के साथ ही रहे विकास के चचेरे भाई अतुल दुबे को भी पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया। उसने पुलिस टीम को देखते ही फायरिंग की लेकिन पुलिस की जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया। अतुल विकास के कई काले धंधों के संचालन में खास भूमिका निभाता था।

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बुधवार को कानपुर ने वाहन चेकिंग के दौरान विकास के गुर्गे श्यामू वाजपेयी को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया है । वहां चेकिंग के दौरान बाइक से जा रहे श्यामू ने पुलिस के रोकने पर पुलिस पर फायरिंग कर दी जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में उसके पैर में गोली लगी थी। उसे हैलट में भर्ती करवाया गया है। बताया जा रहा है कि वारदात के दिन श्यामू भी विकास गैंग का हिस्सा था। उस पर 25 हजार रूपए का ईनाम भी था।

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