आंखों से बहते हैं आंसू, डॉक्टरों से पूछती रहती है मां-'मेरी बेटी बच तो जाएगी!'

एक्सीडेंट में बुरी तरह घायल उन्नाव रेप पीड़िता की हालत में अभी भी कोई सुधार नहीं है। वेंटिलेटर से हटाते ही उसकी तबीयत बिगड़ने लगती है। हालांकि डॉक्टरों को उम्मीद है कि दो-एक दिन में पीड़िता की हालत में कुछ सुधार हो सकता है।

Asianet News Hindi | Published : Aug 3, 2019 6:00 AM IST

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आंखों से बहते हैं आंसू, डॉक्टरों से पूछती रहती है मां-'मेरी बेटी बच तो जाएगी!'
लखनऊ. न्याय की लंबी लड़ाई लड़ते-लड़ते उन्नाव रेप पीड़िता अब अपनी जिंदगी के लिए लड़ाई लड़ रही है। 28 जुलाई को हुए एक्सीडेंट में पीड़िता बुरी तरह घायल हुई थी। उसका लखनऊ के केजीएमयू हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। एक्सीडेंट में उसकी चाची और मौसी के अलावा ड्राइवर की मौत हो गई थी। उसका वकील भी घायल है। विधायक कुलदीप सेंगर पर यह एक्सीडेंट कराने का आरोप है। केजीएमयू के डॉ. संदीप तिवारी ने मीडिया को बताया कि पीड़िता के शरीर का दाहिना हिस्सा सबसे ज्यादा क्षतिग्रस्त है। जबड़ा, दाहिनी कोहनी, कॉलर बोन, कूल्हे की हड्डी के साथ ही दाहिने पैर की हड्डी में भी फ्रैक्चर है। पीड़िता की हालत में अभी कुछ खास सुधार नहीं है। बताया जाता है कि 1 अगस्त को उसे वेंटिलेटर से हटाने की कोशिश की गई थी, तो हालत और बिगड़ गई थी। पीड़िता अब तक होश में नहीं है। उसे सांस लेने में परेशानी हो रही है। लिहाजा ट्रैक्यिटोमी(गले में चीरा) करनी पड़ी। जांघ की हड्डी टूटने की वजह से काफी ब्लीडिंग हुई। इसके कारण भी हालत और बिगड़ी। पीड़िता की मां आईसीयू के बाहर बैठी-बैठी अपनी बैठी की सलामती की दुआ मांगती देखी जा सकती है। उसकी आंखों में कभी भी आंसू झरने लगते हैं। वो डॉक्टरों से बार-बार यही पूछती है कि उसकी बेटी बच तो जाएगी।
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MLA पर रेप पीड़िता के परिजनों को एक्सीडेंट में मरवाने का भी इल्जाम लगा है। इसी घटना के बाद मामला तूल पकड़ गया था। 28 जुलाई को रायबरेली जेल में बंद अपने चाचा से मिलने जा रही थी रेप पीड़िता। कार में उसकी मौसी, चाची और वकील भी थे। तभी गुरबख्शगंज में एक ट्रक ने उनकी कार को टक्कर मार दी थी। हादसे में पीड़िता की मौसी और चाची की मौत हो गई। जबकि वकील और वो खुद घायल है। शुरुआती जांच में सामने आया था कि ओवरस्पीड के चलते यह हादसा हुआ। हालांकि आशंका थी कि जिस ट्रक ने कार को टक्कर मारी, उसकी नंबर प्लेट के साथ छेड़छाड़ की गई थी। इसलिए मामला संदिग्ध माना जा रहा था।
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यह है मामला: पीड़िता ने आरोप लगाया था कि 2017 में नौकरी दिलाने के बहाने कुलदीप सेंगर ने अपने घर पर उसके साथ रेप किया था। घटना के करीब सालभर बाद अप्रैल 2018 में लड़की ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निवास के बाहर आग लगाकर जान देने की कोशिश की थी।
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इस सब घटनाक्रम के बीच पीड़िता के पिता की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी। उन्हें आर्म्स एक्ट में अरेस्ट किया गया था। आरोप है कि उन्हें सेंगर के भाई ने पीटा था। इसके बाद तो जैसे राजनीति भूचाल आ गया। था।
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पावरफुल MLA हैं कुलदीप सेंगर: सेंगर 2002 में कांग्रेस से एमएलए बने थे। 2007 में सेंगर बीएसपी से बांगरमऊ के एमएलए बने। 2012 का विधानसभा चुनाव सपा से लड़ा और जीते। फिर 2017 में बांगरमऊ सीट पर भाजपा की तरफ से खड़े हुए और चौथी बार जीत हासिल की।
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