यूपी बोर्डः हिंदी में फेल हुए अंग्रेजी से ज्यादा स्टूडेंट्स, छोटे जिलों के छात्रों का अच्छा रहा प्रदर्शन

लखनऊ (Uttar Pradesh)। यूपी बोर्ड ने 10वीं और 12वीं के एग्जाम का रिजल्ट जारी कर दिया। जिसे देखने के बाद कुछ बड़ी चौंकाने वाली है बातें सामने आई हैं, क्योंकि ह‍िन्‍दी व‍िषय में फेल होने वाले छात्रों की संख्‍या, अंग्रेजी विषय की तुलना में कहीं ज्‍यादा है। जिससे ऐसा मालूम होता है क‍ि छात्र अपनी राजभाषा हिंदी से ही दूर हो रहे हैं। इतना ही नहीं इस साल बड़े जिलों के मुकाबले छोटे जिलों का प्रदर्शन ज्‍यादा बेहतर रहा।

Asianet News Hindi | Published : Jun 29, 2020 10:07 AM IST
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यूपी बोर्डः  हिंदी में फेल हुए अंग्रेजी से ज्यादा स्टूडेंट्स, छोटे जिलों के छात्रों का अच्छा रहा प्रदर्शन

इस साल हाई स्‍कूल बोर्ड परीक्षा में शाम‍िल होने वाले 5.27 लाख स्‍टूडेंट्स ह‍िन्‍दी परीक्षा में फेल हो गए हैं। जबकि साल 2019 में करीब 5.74 लाख हाई स्‍कूल स्‍टूडेंट्स ह‍िन्‍दी व‍िषय में फेल हुए थे।  

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इस साल हाई स्‍कूल बोर्ड परीक्षा में शाम‍िल होने वाले 5.19 लाख स्‍टूडेंट्स अंग्रेजी व‍िषय में फेल हुए हैं, जबकि साल 2019 में हाई स्‍कूल के 5.02 लाख स्‍टूडेंट्स अंग्रेजी में पास नहीं हो सके थे।

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इस साल कुल 28.73 लाख छात्र ह‍िन्‍दी पेपर में बैठे थे और इसमें से सिर्फ 23.45 लाख छात्र ही हिन्‍दी विषय में पास हो सके हैं। हिन्‍दी विषय में छात्रों का कुल पास प्रतिशत 81.64% रहा है।
 

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अंग्रेजी पेपर की बात करें तो इस साल कुल 26.67 लाख छात्रों ने पेपर दिया, जिसमें से 21.47 लाख पेपर में पास हुए।
 

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इस साल बड़े जिलों के मुकाबले छोटे जिलों का प्रदर्शन ज्‍यादा बेहतर रहा। हाईस्‍कूल के परिणाम में अमरोहा जिला ने 93.01 प्रतिशत स्टूडेंट ने बाजी मारी और दूसरे स्‍थान पर शामली जिला रहा। जहां 92.20प्रतिशत स्टूडेंट ने हाई स्कूल में पास किया।

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 इंटर में महोबा जिले ने 89.24% पास प्रतिशत के साथ पहला स्‍थान रहा। शामली 88.03% पास प्रतिशत के साथ दूसरे पायदान पर रहा और अमरोहा का पास प्रतिशत 87.32% रहा, जो तीसरे स्थान का जिला रहा। 

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