UP में बचपन के 4 दोस्तों की एक साथ दर्दनाक मौत, जानते हुए भी कर दी एक गलती और खून से सन गए नए कपड़े

Published : Jun 05, 2021, 02:06 PM IST

फतेहपुर (उत्तर प्रदेश). ट्रेवल करते वक्त जरा सी लापरवाही या गलती आपको मौत के दरवाजे तक पहुंचा सकती है। लेकिन इसके बाद भी लोग सुधरने को तैयार नहीं होते और गलतियां कर देते हैं। जिसकी कीमत उनको अपनी जान देकर चुकानी पड़ती है। ऐसा ही एक दिल दहला देने वाले हादसे की खबर उत्तर प्रदेश के फतेहपुर से सामने आई है। जहां बचपन के 4 दोस्तों की एक झटके में दर्दनाक मौत हो गई। चारों आपस में मस्ती करते हुए एक बाइक पर सवार होकर शादी समारोह में शामिल होने जा रहे थे। लेकिन इसी दौरान पीछे से मौत बनकर आ रहा ट्रक उनको रौंदते हुए चला गया।  

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UP में बचपन के 4 दोस्तों की एक साथ दर्दनाक मौत, जानते हुए भी कर दी एक गलती और खून से सन गए नए कपड़े

दरअसल, यह भीषण एक्सीडेंट फतेहपुर जिले में जोनिहा कस्बे के नजजीक दिलावलपुर मोड़ के पास हुआ। शुक्रवार को देर रात चार दोस्त अजय कुमार, अखिलेश कुमार, संदीप और श्यामू एक बाइक पर सवार होकर तेज रफ्तार में शादी में शिरकत करने के लिए जा रहे थे। इसी दौरान  एक ट्रक ने बाइक को टक्कर मार दी। बाइक ट्रक में फंसकर कुछ मीटर तक घिसटती चली गई और चारों की मौके पर ही मौत हो गई।

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मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और चारों को उठाकर अस्पताल लेकर पहुंचे। लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वहीं आरोपी  ट्रक ड्राइवर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में सामने आया कि आरोपी शराब के नशे में था, रात के अंधेरे में उसे बाइक दिखाई नहीं दी और टक्कर मार दी। हालांकि यह भी बताया जा रहा है कि मृतकों ने खुद अपनी गाड़ी से नियंत्रण खो दिया था। रफ्तार के चक्कर में उनकी बाइक अनियंत्रित हो गई थी। कभी उनकी रफ्तार धीमी होती तो कभी तेज जिसके चलते पीछे से ट्रक ने टक्कर मार दी।

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पुलिस ने बताया कि चारों दोस्त एक ही गांव कोरवां गांव के रहने वाले थे और बचपन के दोस्त थे। नीरज रैदास अपने पारिवारिक चचेरे भाइयों संदीप (16), अजय (16) व अखिलेश (17) के साथ गांव के विमल प्रजापति की बरात में शामिल होने के लिए मकदूमपुर गांव जा रहे थे। लेकिन पहुंचने से पहले ही उनके साथ यह हादसा हो गया।

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कोतवाली प्रभारी रवींद्र श्रीवास्तव ने बताया कि दिवंगत पारिवारिक चचेरे भाई बताए गए हैं। वहीं चश्मदीदों का कहना है कि बाइक सवार चारों नाबालिग थे। किसी ने भी कोई हेलमेट नहीं पहना हुआ था। यदि हेलमेट पहने होते तो एक बाइक पर चार की जगह दो बैठे हुए तो शायद जिंदा होते।

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