बेहद खूबसूरत है कुशीनगर..जानिए क्यों मशहूर है यह नगरी, आखिर क्या है इसका इतिहास..जिसे PM मोदी ने चुना

कुशीनगर (उत्तर प्रदेश).  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बुधवार सुबह उत्तर प्रदेश के कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट ( kushinagar international airport) का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत विश्व भर के बौद्ध समाज की श्रद्धा, आस्था, प्रेरणा का केंद्र है। आज कुशीनगर अंतर्राष्‍ट्रीय हवाई अड्डे की ये सुविधा एक प्रकार से, उनकी श्रद्धा को अर्पित पुष्पांजलि है। आइए जानते हैं इस मौके पर क्या है कुशीनगर का इतिहास, जिसे बौद्ध धार्मिक स्थल के नाम से जाना जाता है। जानिए भगवान राम से भी जुड़ा इस धार्मिक नगरी का खास कनेक्शन..

 

 

Asianet News Hindi | Published : Oct 20, 2021 6:26 AM IST / Updated: Oct 20 2021, 12:14 PM IST
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बेहद खूबसूरत है कुशीनगर..जानिए क्यों मशहूर है यह नगरी, आखिर क्या है इसका इतिहास..जिसे PM मोदी ने चुना

भगवान राम के पुत्र कुश की राजधानी थी कुशीनगर
दरअसल, कई पुस्तकों में उल्लेख है कि कुशीनगर पहले भगवान राम के पुत्र कुश की राजधानी थी। उस समय इसे कुशावती के नाम से जाना जाता था । बाद मे यहां मल्ल राजाओ का राज हो गया उन्होने इसे अपनी राजधानी बना ली और नाम दिया कुशीनारा। कुछ सालों बाद जब गौतम बुद्ध ने यहां निर्वाण प्राप्त किया, उसके बाद से इसका नाम कुशीनगर पड़ गया ।

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कुशावती से ऐसे बना यह शहर कुशीनगर
छठी शताब्दी यह शहर ईसा पूर्व में सोलह महाजनपदों में से एक थी, कुशीनगर मौर्य, शुंग, कुषाण, गुप्त, हर्ष और पाल वंश के साम्राज्य का एक प्रमुख्य स्थान रहा है। इतिहासकारों की मानें तो कुशीनगर, कोसल साम्राज्य की राजधानी थी। बताया जाता है कि कुशावती का नामकरण यहां पाए जाने वाले कुश घास के कारण हुआ था। आजादी के बाद कुशीनगर, देवरिया जिले का हिस्सा था, लेकिन कुछ सालों पहले 13 मई साल 1994 को इसे कुशीनगर को अलग जिला बना दिया गया।

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गौतम बुद्ध का यह अंतिम विश्राम स्थल है
प्राचीन शहर कुशीनगर बौद्धों के लिए सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक है। गौतम बुद्ध का यह अंतिम विश्राम स्थल है, जहां उन्होंने अपनी शरीर का त्याग कर परम धाम की प्राप्ति की थी। यहीं भगवान बुद्ध ने सबसे ज्यादा समय देकर ईश्वर की प्राप्ति की थी।

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इस वजह से पीएम मोदी ने इस तारीख को चुना
गौतम बुद्ध की वजह से हर साल हजारों  बौद्धिक लोग विदेशों से भी यहां उनके दर्शन के लिए आते हैं। बता दें, वर्षावास में बौध भिक्षु तीन महीने तक एक ही जगह पर रहकर ध्यान लगाते हैं और वहीं पर प्रार्थना करते हैं। 20 अक्टूबर को ही बौद्ध भिक्षुओं के वर्षावास की भी समाप्ति हो रही है। इसलिए इसी दिन के लिए पीएम मोदी ने यहां पर कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन किया। 

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 सम्राट अशोक से लेकर अंग्रेजों तक का इससे संबंध
कुशीनगर उत्तर प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक स्थान है। यहां पर महानिर्वाण मंदिर है, जिसमें भगवान बुद्ध की 6.10 मीटर लंबी प्रतिमा स्थापित है। यहां पर कई प्राचीन स्तूप हैं जिनका निर्माण सम्राट अशोक ने करवाया था। बताया जाता है कि सन 1861 मे जनरल ए कनिंघम ने इस स्थान की खुदाई कराई थी, इस दौरान वहां पर भगवान बुद्ध की लेटी हुई प्रतिमा  मिली थी। 

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कहां है कुशीनगर..कैसे पहुंचे और कितनी है यहां की आबादी...

बता दें कि कुशीनगर 2906 स्क्वायर किलोमीटर में बसा हुआ है। जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग 24 से जाया जा सकता है। गोरखपुर से इस जिले की दूरी लगभग 51 किलोमीटर है। यहां से करीब 20 किलोमीटर पूर्व में बिहार पड़ता है। कुल इस जिले की जनसंख्या  3,564,544 है।

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