न कोई दुल्हन न कोई बारात फिर भी ये पुलिस अफसर बना दूल्हा, जब बग्घी में बैठे तो हर आंख से निकले आंसू

Published : Aug 07, 2021, 05:11 PM ISTUpdated : Aug 07, 2021, 05:15 PM IST

संभल (उत्तर प्रदेश). पुलिस आए दिन किसी न किसी कारण सुर्खियों में बनी रहती है। क्योंकि लोगों की नजरों में पुलिसकर्मियों की छवि धूमिल है। लेकिन कुछ ऐसे पुलिसकर्मी या अफसर भी होते हैं, जो अपने काम की वजह से लोगों के दिलो में जगहा बना लेते हैं। उनकी ईमानदारी और फर्ज को देख फैन उनको सैल्यूट करते हैं। इतना ही नहीं अगर उनका तबादला हो जाए तो पूर इलाके के लोग भावुक हो जाते हैं। यूपी के संभल जिले में ऐसा ही नजारा देखने को मिला, जब यहां एक एसएचओं का ट्रांसफर हुआ तो सभी की आंखें भीगी हुई थीं। लोगों ने उनके सम्मान में उन्हें कुछ ऐसा सजाया कि देखकर कोई विदाई समारोह नहीं बल्कि दूल्हे की बारात है।  देखिए तस्वीरें..आपने नहीं देखी होगी ऐसी विदाई...

PREV
15
न कोई दुल्हन न कोई बारात फिर भी ये पुलिस अफसर बना दूल्हा, जब बग्घी में बैठे तो हर आंख से निकले आंसू

दरअसल, फर्ज के पक्के और इस ईमानदार अफसर का नाम रणवीर सिंह है। जो कि संभल के असमोली थाने में एसएचओ के पद पर सेवारत थे। उन्होंने अपने काम से इलाके के लोगों का दिल ऐसा जीता कि अब जब उनका तबादला हुआ और जनता में उनके लिए प्यार देखा तो उनकी आंखों में आंसू आ गए। लोगों ने उन्हें कुछ ऐसी विदाई दी कि सोशल मीडिया में तस्वीरें वायरल होने लगीं। 

25

पहले तो जब असमोली थाने के लोगों का पता चला की एसएचओ रणवीर सिंह का तबादला हो गया है तो वह हैरान थे। कहने लगे कि हम उनको यहां से कहीं नहीं जाने देंगे। लेकिन बाद में कहने लगे कि क्या करें सरकारी आदेश के आगे हम कुछ नहीं कर सकते हैं। फिर लोगों ने अपने अफसर को शानदार अंदाज में विदाई देने का प्लान बनाया।

35

विदाई समारोह में एक रथ को दुल्हन की तरह सजाया। फिर एसएचओ रणवीर सिंह को दूल्हे के तरह सजाया गया। उन्हें दूल्हे की पगड़ी पहनाई गई। इसके बाद उन्हें बग्घी में बिठाकर पूरे इलाके में ढ़ोल-बाजों के साथ जुलूस निकाला। जहां लोग भावुक होकर भी डांस करते हुए दिखाई दिए।

45

एसएचओ रणवीर सिंह की इस यादगार विदाई के दौरान उनके साथ काम करने वाले पुलिसकर्मी भी भावुक हो गए। सभी ने सैल्यूट कर कहा, सर अधिकार बहुत आए और गए, लेकिन आपने जिस तरह से लोगों के दिल में जो जगह बनाई है, वह पहली बार देखा है।
 

55

इस शानदार विदाई पर एसएचओ की आंखों से आंसू छलक पड़े। उन्होंने कहा कि यह पल उनके जीवन का सबसे यादगार पल है। मैंने ऐसा कोई खास काम नहीं किया है जिसका इतना प्यार मुझे मिला है। बस मैंने तो अपनी ईमानदारी से अपना फर्ज निभाया है। अगर में अच्छे से काम कर पाया तो यहां के लोगों ने मेरा सहयोग किया तभी यह कर सका। यह तो इनका प्यार है जो मुझे अपनी आंखों का तारा बना लिया। 
 

Recommended Stories