सावन में अंडे से जुड़े 5 झूठे फंडे, बिल्कुल ना करें यकीन
वैसे तो अभी सावन का महीना चल रहा है। कई लोग इस दौरान शुद्ध सात्विक खाना ही पसंद करते हैं। नॉन-वेज में तो अंडे तक से परहेज करते हैं। लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं, इन अंडों से जुड़े कुछ ऐसे झूठे फंडे, जिसे इतनी अच्छी तरह से फैलाया गया है कि लोग इनपर आंख बंद करके यकीन कर लेते हैं।
कच्चे अंडों में होता है ज्यादा प्रोटीन... वैसे कई बॉक्सर्स या खिलाड़ी कच्चे अंडे खाते हैं लेकिन ये बात बिल्कुल गलत है कि इनमें ज्यादा प्रोटीन होता है। बल्कि कच्चे अंडे खाने से आपकी तबियत बिगड़ सकती है। सच्चाई तो ये है कि कुक किये गए अंडे खाने में हमारी बॉडी कच्चे अंडों के मुकाबले दो गुना ज्यादा प्रोटीन अब्सॉर्ब करती है।
अंडों को फ्रिज में रखना चाहिए... ऐसा बिल्कुल नहीं है। अंडों को फ्रिज में रखना है या नहीं, वो उस जगह के टेम्परेचर पर निर्भर करता है। जैसे अगर आप ब्रिटेन में हैं, तो वहां आपको फ्रिज में अंडे नहीं मिलेंगे। वहीं अमेरिका में हर ग्रॉसरी स्टोर में आपको अंडे फ्रिज में ही मिलेंगे। साथ ही आपको बता दें कि अगर एक बार आपने अंडों को फ्रिज में रख दिया है तो उसे दो घंटे से ज्यादा बाहर ना रखें। इससे अंडों में कई तरह के बैक्टीरियाज पनपने के आसार रहते हैं।
भूरे अंडों में होते हैं ज्यादा न्यूट्रिशंस... अंडों के रंग का उसके न्यूट्रिशंस वैल्यू से कोई लेना देना नहीं है। साथ ही इससे अंडों के टेस्ट में भी कोई खास अंतर नहीं पड़ता है।
अंडे के छिलके हैं जानलेवा... ऐसा कहा जाता है कि अगर आपने गलती से अंडे के छिलके खाए हैं, तो आपकी जान जा सकती है। बता दें कि ये फैक्ट भी मात्र एक मिथ है। अगर छोटा सा टुकड़ा आपने निगल लिया है, तो आपको थोड़ी देर के लिए गले में दर्द हो सकता है। लेकिन इससे जान जाने जैसी कोई बता नहीं होगी।
छोटे अंडे छोटी मुर्गियां देती हैं... कुछ मामलों में ये सच हो सकता है लेकिन हर बार नहीं। अंडों का साइज अंडे के डाइट और उम्र पर निर्भर करता है ना कि उसके आकार पर।