बच्चों के बाद अब युवाओं में फैली चकते वाली ये बीमारी, कोरोना से बिल्कुल अलग हैं लक्षण, लेकिन अंजाम वही- मौत

हटके डेस्क: दुनिया में इस वक्त कोरोना का कहर देखने को मिल रहा है। इस  वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। इस वायरस ने कई लोगों को मौत के मुंह में पहुंचा दिया है। अभी तक कई देशों को इस वायरस की  वजह से लॉकडाउन किया गया था। लेकिन अब कई देशों को दुबारा से खोल दिया गया है। अभी तक ऐसा माना जा रहा था कि ये वायरस छोटे बच्चों और बुजुर्गों को अपनी चपेट में लेता है। साथ ही ये भी कहा जा रहा था कि युवाओं की इम्यूनिटी स्ट्रांग होने की  वजह से उन्हें कोरोना का ज्यादा खतरा नहीं है। लेकिन इस बीच विदेशों में अचानक बच्चों में एक अजीब तरह की बीमारी कावासाकी देखने को मिली। इसमें बच्चों के स्किन पर जलते रैशेस होने लगे। कई लोगों ने इसे कोरोना से जोड़ा। अब इस बीमारी ने बच्चों के साथ युवाओं को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। अमेरिका में कई युवाओं में,  जिनकी उम्र 20 के करीब है, को अपनी चपेट में लेना शुरू किया है। इसकी शुरुआत कोविड 19 के साथ ही हुई थी, ऐसा कई सबूतों से कंफर्म हो चुका है। अब इसके मरीजों की संख्या सैन डिएगो और न्यूयॉर्क में भी तेजी से बढ़ने लगे हैं, जिसने सबके होश उड़ा दिए हैं। आइये आपको बताते हैं  कावासाकी और कोरोना आपस में जुड़े हैं.... 

Asianet News Hindi | Published : May 23, 2020 5:34 AM IST / Updated: May 24 2020, 09:15 AM IST
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बच्चों के बाद अब युवाओं में फैली चकते वाली ये बीमारी, कोरोना से बिल्कुल अलग हैं लक्षण, लेकिन अंजाम वही- मौत

कावासाकी को SARS-CoV-2 से जोड़ा जा रहा है। कई बच्चों में पहले इस बीमारी के लक्षण देखने को मिले। पहले बच्चों में इस बीमारी को देखा जा रहा था। लेकिन अब कंफर्म हुआ है कि कई युवाओं में इस बीमारी को देखा जा रहा है। इन युवाओं की उम्र 20 के करीब बताई जा रही है।

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अमेरिकी डॉक्टर्स का कहना है कि ये रहस्यमय बीमारी  कोरोना से जुड़ी है। अभी तक जो भी कावासाकी के मामले सामने आए हैं, उन लोगों को काफी पहले कोरोना संक्रमण हुआ था। फिर उनकी बॉडी ने वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी डेवलप कर ली। 

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लेकिन इसके कुछ समय बाद इनकी बॉडी में रैशेस आने लगे। जिसमें काफी जलन होती है। पहले ये सिर्फ बच्चों में देखने को मिलती थी। लेकिन अब युवाओं में इसके काफी मामले बढ़े हैं। 

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वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबकि, अभी सैन डिएगो और न्यूयॉर्क में इस वायरस के मामले काफी बढ़ गए हैं। डॉक्टर्स के मुताबिक, कावासाकी कोरोना के खिलाफ बॉडी का एक इम्यून रेस्पोंस है।   

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अमेरिकी डॉक्टर्स के मुताबिक, युवाओं में कावासाकी ना सिर्फ स्किन में रैशेस बल्कि लंग्स पर भी काफी बुरा प्रभाव छोड़ रहा है। अभी इसकी चपेट में आने के बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ रहा है।  

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अभी तक कावासाकी के मामले बच्चों में देखने को मिल रहे थे। लेकिन अब इस बीमारी ने युवाओं को अपनी चपेट में ले लिया है। सबसे हैरत की बात है कि कावासाकी की वजह से कई बच्चे अभी तक अपनी जान गंवा चुके हैं। 

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बात अगर अमेरिका की करें, तो अभी तक यहां कावासाकी के 100 से अधिक मामले रिपोर्ट किये जा चुके हैं। पहले इनमें बच्चे शामिल थे, अब युवाओं में भी इसकी संख्या बढ़ती जा रही है।  
 

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