जंगली जानवरों को छाती से चिपकाकर दूध पिलाती हैं ये महिलाएं, कछुए और छिपकली को मानती हैं अपना बेटा

Published : May 10, 2020, 05:08 PM ISTUpdated : May 10, 2020, 05:10 PM IST

हटके डेस्क: मदर्स डे पर हर कोई मां से जुड़ी यादें सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं। लेकिन हम आपको मां की ममता झलकाती कुछ ऐसी तस्वीरें दिखाएंगे, जिसे देख आपको हैरानी होगी। जानवरों और इंसान के बीच का रिश्ता सालों पुराना है। आजतक आपने इंसान को जानवरों का दूध पीते तो देखा-सुना है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी जनजाति के बारे  में बताने जा रहे हैं, जसिकी महिलाएं जानवरों को अपना दूध पिलाती हैं। हां, हम बात कर रहे हैं ब्राजील के अमेजन के जंगलों में रहने वाले एक जनजाति के बारे में। इस ट्राइब की महिलाएं जानवरों को छाती से चिपकाकर दूध पिलाती हैं। देखिये इस अजीबोगरीब जनजाति की कुछ तस्वीरें...    

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जंगली जानवरों को छाती से चिपकाकर दूध पिलाती हैं ये महिलाएं, कछुए और छिपकली को मानती हैं अपना बेटा

अमेजन के जंगलों में रहने वाले इस जनजाति का नाम आवा है। आवा ट्राइब्स के लोग घने जंगलों में पूरी दुनिया की नजर से दूर छिपकर रहते हैं। 

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पूर्वी ब्राज़ील में रहने वाले आवा ट्राइब्स के लोग जानवरों से काफी नजदीक हैं। ये लोग जंगली जानवरों को बच्चों की तरह पालते-पोसते हैं। 
 

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आवा ट्राइब्स की कुल संख्या दुनिया में अब पांच सौ से भी कम है। ये लोग अपनी हर जरुरत के लिए जंगल पर निर्भर करते हैं।  
 

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इनके घरों में जंगली जानवर इधर-उधर घूमते रहते हैं। वहीं महिलाएं इन जानवरों को अपने बच्चों सा पालती हैं। 
 

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हैरत की बात तो ये है कि ये महिलाएं इन जानवरों को अपने स्तन से दूध भी पिलाती हैं। भारत में भी बिश्नोई जनजाति की महिलाएं जानवरों को छाती से लगाकर दूध पिलाती हैं। 

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ये जानवर भी इंसानों को परिवार की तरह ही मानते हैं। आवा जनजाति के लोगों को ये जानवर पेड़ से फल तोड़-तोड़कर देते हैं। 

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आवा जनजाति अब खतरे में है। सिर्फ पांच सौ लोगों के साथ ये जनजाति अब सिमटते जा रही है। 

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ये जनजाति लोगों से दूर रहते हैं। साथ ही हर चीज के लिए जंगल पर निर्भर करते हैं। 

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इस जनजाति के लोग काफी कम ही बाहर के लोगों को अपने नजदीक आने देते हैं। ऐसे में सामने आई ये तस्वीरें इनकी जिंदगी काफी करीब से दिखाती है। 

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जानवर और इंसान के बीच का ये रिश्ता लोगों के बीच लंबे समय से चर्चा का विषय बना है। 

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