दावा: मात्र 2 दिन में ठीक हो जाएगा कोरोना, इस दवा से 48 घंटे में मर जाएगा जानलेवा वायरस
हटके डेस्क: चीन के वुहान से शुरू हुए कोरोना वायरस ने जमकर उत्पात मचाया है। पूरी दुनिया में अभी कोरोना के कुल 2 लाख 24 हजार संक्रमित मरीज हैं। जबकि मौत का आंकड़ा 66 हजार 502 पहुंच चुका है। इस खतरनाक वायरस का अभी तक कोई इलाज नहीं मिला है। जिस कारण इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए कई देशों को लॉकडाउन किया जा चुका है। दुनिया के कई देश इस वायरस के खात्मे के लिए दवा ढूंढ रहे हैं लेकिन अभी तक किसी को सफलता नहीं मिली है। इस बीच ऑस्ट्रेलिया के रिसर्चर्स ने वायरस का इलाज ढूंढ लेने का दावा किया है। उनका दावा है कि जो इलाज उन्होंने ढूंढा है, उससे मात्र 48 घंटे में कोरोना का मरीज ठीक हो जाएगा।
Asianet News Hindi | Published : Apr 6, 2020 3:55 AM IST / Updated: Apr 06 2020, 01:32 PM IST
अंग्रेजी अखबार ‘द सन’ में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, बायोमेडिसिन डिस्कवरी इंस्टिट्यूट के डॉ कायली वागस्टाफ ने कोरोना वायरस को खत्म करने का दावा किया है।
रिसर्चर्स का दावा है कि इस दवा से 48 घंटे के अंदर ही कोरोना वायरस को जुएं मारने वाली दवा से खत्म कर सकते है।
डॉ वागस्टाफ के मुताबिक, जुएं मारने की दवा में इवरमेक्टिन नाम के रसायन का इस्तेमाल होता है और इस रसायन के एक डोज से कोरोना वायरस भी खत्म हो सकता है।
डॉक्टर ने ये भी दावा किया है कि इस दवा के देने के महज 24 घंटे के अंदर ही शरीर से वायरस खत्म होना शुरू हो जाएगा।
इस रिसर्च पर डॉ वागस्टाफ ने बताया कि फिलहाल कोरोना वायरस का कोई भी इलाज नहीं है लेकिन जब तक कोरोना वायरस की कोई दवा नहीं बन जाती, तब तक इलाज के लिए इस तरीके को इस्तेमाल किया जा सकता है।
रिसर्च के मुताबिक, एंटी-पैरासाइटिक दवा परजीवी से होने वाली बीमारियों को खत्म कर सकती है। कोरोना वायरस भी परजीवी है। ऐसे में ये दवाई इस वायरस को खत्म कर सकता है।
उन्होंने दावा किया कि परजीवी रोधी दवा का इस्तेमाल एचआइवी, डेंगू, इंफ्लुएंजा और जीका वायरस के इलाज में भी प्रभावी तौर पर किया जा चुका है।
फिलहाल कई देश कोरोना का इलाज ढूंढने में लगे हैं। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही दुनिया को इस जानलेवा वायरस का तोड़ मिल जाएगा।
चीन में हालांकि अब इस वायरस पर कंट्रोल पा लिया गया है। ऐसे में कुछ ऐसे भी लोग हैं, जिनका ये कहना है कि चीन के पास पहले से ही कोरोना का इलाज मौजूद हैं। हालांकि, इसका कोई सबूत नहीं मिला है।