Published : May 25, 2020, 04:26 PM ISTUpdated : May 26, 2020, 10:08 AM IST
हटके डेस्क: दुनिया कोरोना वायरस से जंग लड़ रही है। इस वायरस ने दुनिया में भीषण तबाही मचा दी। वायरस की वजह से दुनियाभर के कई देश लॉकडाउन हो गए। चीन के वुहान से शुरू हुए इस वायरस ने दुनिया के कई देशों को लाशों के ढेर में बदल दिया। चीन के ऊपर शुरूआती दौर से ही ये इल्जाम लगाया जा रहा था कि उसने दुनिया से इस वायरस को लेकर काफी कुछ झूठ बोला है। चीन हालात छिपाए, मौत के असली आंकड़े छिपाए। सबसे जरुरी उसने दुनिया को ये ही नहीं बताया कि ये वायरस कितना खतरनाक है? चूंकि चीन में मीडिया भी सरकार के अंदर है, इस कारण यहां से खबरें भी फ़िल्टर होकर बाहर आती हैं। कोरोना के मामले में कई लोग ऐसे सामने आए, जिन्होंने व्हिसल ब्लोअर का काम किया। लेकिन चीन ने काफी हद तक सबूतों को मिटाने का काम किया। अब ब्रिटेन में रहने वाले यु कुंग ने सोशल मीडिया पर चीन के शंघाई की वो तस्वीरें शेयर की, जिसे चीन शायद कभी दुनिया के सामने नहीं रखता। यु कुंग ने शंघाई में लॉकडाउन के दौरान लोगों को घुट-घुटकर जीते देखा है। यु कुंग और उनकी पत्नी ने लॉकडाउन में लोगों की तस्वीरें खींच, कोरोना के कारण उनकी जिंदगी में आए बदलाव लोगों के सामने शेयर किये।
यु कुंग ने अपने कैमरे में शंघाई के लोगों की तस्वीरें कैद की। साथ ही यु कुंग ने डॉक्यूमेंट्री भी बनाई, जिसमें उसने कोरोना के कारण उनकी जिंदगी में आए प्रभाव को दिखाया।
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शंघाई के एक हॉस्पिटल में काम करने वाली यान ये फ्रंट लाइन वर्कर हैं। उसने अपने पति और बच्चों को खुद से दूर भेज दिया, ताकि उससे ये संक्रमण परिवार वालों में ना फ़ैल जाए। यान को शक है कि ये वायरस उसे उसके मरीजों से मिल सकता है।
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यु के पड़ोसी सिओलिन अपनी मां से बाल काटना सीखते हुए। ये परिवार शंघाई में वेडिंग ड्रेस स्टूडियो चलाता है। लेकिन लॉकडाउन की वजह से अब उनके पास एक भी कस्टमर नहीं है।
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कोविड 19 से बचाव के लिए यु के बिल्डिंग की लिफ्ट को डिसइंफेक्ट करता कर्मचारी। वेंलिंग साओ और उसकी पत्नी क्वांलि चेन दोनों बाहर से शंघाई काम करने आए हैं।
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कोरोना की वजह से शंघाई की सड़कें इतनी वीरान हो चुकी हैं।
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ब्रिटिश फोटोग्राफर और उसकी पत्नी क्रिस्टल लिउ ने कोरोना में शंघाई की हालत पर डॉक्यूमेंट्री बनाने का फैसला किया। क्यूँकि इस वायरस के कारण दोनों का काम ठप पड़ गया था।
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जिस बिल्डिंग में ये कपल रहता है, उसमें कुल 110 परिवार रहते हैं। बीते कई हफ़्तों से इन्हें बिल्डिंग से बाहर नहीं निकलने दिया गया है। साथ ही बाहर से कोई इनसे मिलने भी नहीं आ सकता।
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चीन ने वायरस से लड़ने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। वहां लॉकडाउन का मतलब सख्त लॉकडाउन। उसमें कोई ढील नहीं दी जाती।
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वुहान से शंघाई काफी दुरी पर बसा है। लेकिन फिर भी यहां सख्त लॉकडाउन है।
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फोटोग्राफर अपनी दोस्त से वीडियो कॉल पर बात करते हुए। उसने बताया कि ये डॉक्यूमेंट्री बनाने के कारण वो अपने पड़ोसियों से काफी नजदीक आ गया है।
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अमेरिकन किंडरगार्डन की टीचर टिफंनी घर में एक्सरसाइज करते हुए। कोरोना की वजह से उसके क्लासेज भी रोक दिए गए हैं। यु की इस डॉक्टयूमेंटरी ने शंघाई के लोगों के ऊपर लॉकडाउन का असर दिखाया।
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यु और उनकी उनकी पत्नी का कहना है कि वो दोनों जानते हैं कि चीन की कहानी दुनिया के सामने रखना कितना सेंसिटिव है। लेकिन वो सिर्फ अपने आसपास की कहानी ही दुनिया को दिखाना चाह रहे हैं।