Published : Apr 01, 2020, 03:18 PM ISTUpdated : Apr 01, 2020, 03:19 PM IST
हटके डेस्क: दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की संख्या 8 लाख 60 हजार से अधिक हो चुकी है। इसके अलावा मरने वालों का आंकड़ा 42 हजार 3 सौ पार कर गया है। अभी तक इस वायरस का कोई इलाज नहीं मिला है। इससे बचाव का एकमात्र तरीका है संक्रमित व्यक्ति से दूरी। इसके अलावा ये वायरस वायरस के संपर्क में आई चीजों से भी फैलता है। तमाम कोशिशों के बाद भी, जिसमें लॉकडाउन शामिल है, ये वायरस तेजी से फैल रहा है। इस बीच अमेरिका से एक ऐसा रिसर्च सामने आया है, जिसने लोगों में हड़कंप मचा दिया है। अमेरिका के इन रिसर्चर्स ने शोध में पाया है कि ये वायरस हवा से भी फैलता है।
जानलेवा कोरोना वायरस दिन पर दिन खौफनाक रूप लेता जा रहा है। चीन के वुहान से शुरू हुए इस वायरस ने दुनिया के अधिकांश देशों को अपनी चपेट में ले लिया है।
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अभी तक ये माना जा रहा था कि कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति से सीधे संपर्क या उसके द्वारा छुए सामान के संपर्क में आने से फैलता है।
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अमेरिका के रिसर्चर्स ने अब एक नई बात दुनिया के सामने रखी है। रिसर्च में कहा गया कि ये वायरस हवा में भी काफी देर तक जिंदा रहता है।
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साइंटिस्ट्स ने पाया कि जिस कमरे में कोरोना के मरीज रखे जा रहे हैं, वहां उनके जाने के कई घंटे बाद तक ये वायरस मौजूद रहता है।
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रिसर्च में अस्पतालों को जांच का केंद्र रखा गया। इसमें पाया गया कि अस्पताल वायरस फैलाने में काफी मददगार साबित हो रहे हैं।
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लोग वायरस के साथ अस्पताल आ रहे हैं। ऐसे में हवा में ये जानलेवा वायरस फैल जाता है। जब कोई स्वस्थ व्यक्ति इसमें सांस लेता है तो वो इससे प्रभावित हो जाता है।
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अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ नेब्रास्का ने ये तथ्य सामने रखा है। उन्होंने बताया कि बार-बार सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने के बाद भी हॉस्पिटल्स में नर्स और डॉक्टर्स वायरस का शिकार हो रहे हैं।
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ऐसे में अब रिसर्चर्स ने पाया है कि इस वायरस से बचाव के लिए डॉक्टर्स को काफी ज्यादा प्रभावशाली सूट पहनने की जरुरत है। ये वायरस ना सिर्फ सर्दी और खांसी से फैलता है, बल्कि हवा में फैले वायरस से होता है।
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ऐसे में अब वायरस से बचाव और भी जटिल हो गया है। संक्रमित व्यक्ति जिस जगह से गुजरता है, वहां कई घंटों पर ये वायरस जीवित रहता है। ऐसे में अब अच्छी क्वालिटी का मास्क लगाना काफी जरुरी है।
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भारत में कई डॉक्टर्स और नर्स नार्मल ग्लव्स और सर्जिकल मास्क लगाकर कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे हैं। ऐसे में ये रिसर्च चिंता का विषय है।