दुनिया के सबसे ठंडे गांव में थन में ही जम जा रहा गाय का दूध, बचाने के लिए ग्वाले पहना रहे हैं ऊन की ब्रा

हटके डेस्क: भारत में देखते ही देखते कड़ाके की ठंड पड़ने लगी है। कई इलाकों में कुहासे के साथ ही अचानक तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। पहाड़ी इलाकों में बर्फ़बारी से लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, भारत में फिर भी स्थिति साइबेरिया के सबसे ठंडे गांव से बेहतर ही है। दुनिया के सबसे ठंडे गांव में शुमार साइबेरिया के याकुटिया के Oymyakon में स्थिति काफी खराब हो चुकी है। यहां तापमान माईनस 45 डिग्री तक जा चुका है। हालात ऐसे हैं कि गाय का दूध थन में ही जम जा रहा है। इससे बचने के लिए यहां के लोगों ने गाय के लिए ऊन के ब्रा को डिजाइन किया है, जिसे ग्वाले गाय को पहनाते हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Dec 23, 2020 9:08 AM IST

17
दुनिया के सबसे ठंडे गांव में थन में ही जम जा रहा गाय का दूध, बचाने के लिए ग्वाले पहना रहे हैं ऊन की ब्रा

दुनिया के सबसे ठंडे गांव ओम्यकॉन में जो रूस के याकूतिया में आता है, वहां गायों को फर या ऊन-लाइन वाली ब्रा पहनाई जाती है। इस क्षेत्र में साइबेरियाई सर्दियों में थर्मामीटर माइनस 45C तक चला जाता है। 

27

यहां इतनी ठंड पड़ती है कि गाय का दूध उसके थन में ही जम जाता है। इस समस्या के समाधान में यहां रहने वाले किसान निकोले एटलसोव ने गाय के लिए वूलेन ब्रा बनाई। इस ब्रा को गायों को पहनाया जाता है ताकि दूध ना जमें। 
 

37

लोकल्स का कहना है कि इस ब्रा की वजह से हर दिन गाय का दो लीटर दूध बचाया जाता है। जब ये ब्रा नहीं पहनती तब उनका दूध थन में ही जम जाता है। 

47

इन ब्रा को भेड़ के बाल से बनाया जाता है। इन्हें गाय के शरीर से बांध दिया जाता है। साथ ही एक रस्सी को उनके पूंछ की तरह से भी बांधा जाता है। ये गाय के थन को कवर कर दूध को  जमने से बचाता है। 

57

गाय जब बाहर पानी पीने जाती हैं, तब खासकर उन्हें ये ब्रा पहनाई जाती है। इसके अलावा गाय की बॉडी पर कोई कपड़ा नहीं रहता। अब इस गांव में इस ब्रा की  डिमांड काफी बढ़ गई है। लोग इसे अपनी गायों के लिए खरीद कर ले जाते हैं। 

67

इस गांव को दुनिया का सबसे ठंडा गांव कहा जाता है। इसे पोल ऑफ़ गॉड के नाम से भी जाना जाता है। यहां लोगों के साथ-साथ जानवरों की लाइफ भी काफी मुश्किल है। 

77

अभी तक के रिकॉर्ड के मुताबिक़, 1933 में ओइमाकॉन गाँव में सबसे कम तापमान दर्ज किया गया था, जो माइनस 67.7 ° C था, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि जनवरी 1924 में माइनस 71.2 ° C रीडिंग हुई थी।

Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos