जब डॉक्टर नहीं, मगरमच्छ करते थे महिला का अबॉर्शन, गर्भ में बच्चे को मारने के लिए अपनाया जाता था खूंखार तरीका

हटके डेस्क: दुनिया में इस समय कोरोना का प्रकोप चल रहा है। लोग इस वायरस से त्रस्त हैं। इस बीच कई महीनों से दुनिया के कई देश लॉकडाउन हैं, जिसकी वजह से कहा जा रहा है कि दिसंबर में दुनिया को बेबी बूम देखना पड़ सकता है। यानी लॉकडाउन में कपल्स ने जमकर रोमांस किया और अब आने वाले कुछ महीनों में अचानक जनसंख्या विस्फोट देखने को मिल सकता है। चूंकि, लॉकडाउन में कपल साथ थे और इस दौरान कॉन्ट्रेसेप्टिव की भी कमी हो गई थी, ऐसे में कपल के पास प्रेग्नेंसी के बाद अबॉर्शन का भी ऑप्शन नहीं था। चूंकि, आज के समय में लोग अस्पतालों में ही अबॉर्शन करवाते हैं, ऐसे में ये सुरक्षित होती है। लेकिन आज से कई सालों पहले घर पर ही महिला का अबॉर्शन कर दिया जाता था। इसके लिए अपनाए जाते थे खूंखार तरीके। आज हम आपको ऐसे ही तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं। इन्हें जानकर आप हैरान भी हो जाएंगे और डर भी जाएंगे.... 
 

Asianet News Hindi | Published : Oct 20, 2020 11:18 AM IST

111
जब डॉक्टर नहीं, मगरमच्छ करते थे महिला का अबॉर्शन, गर्भ में बच्चे को मारने के लिए अपनाया जाता था खूंखार तरीका

मेडिकल साइंस ने समय के साथ काफी तरक्की कर ली है। आज अगर बीमारी या समस्या है,  उसका समाधान मेडिकल में मौजूद होगा ही। कई लोग डॉक्टर्स के पास जाने की जगह प्रचलित दवाइयों के जरिये बीमारी का इलाज कर लेते हैं। 

211

चूंकि दुनिया काफी मॉडर्न हो चुकी है, ऐसे में अब शादी से पहले भी कपल्स संबंध बनाते हैं। ऐसा पहले भी होता था लेकिन अब ये सामने आ जाता है। कपल्स को लीव इन में रहने में भी दिक्कत नहीं होती। ऐसे में कई बार मामले प्रेग्नेंसी तक पहुंच जाते हैं। 
 

311

ऐसे में कपल्स मेडिकल वसे अबॉर्शन पिल्स लेकर घर पर ही अजन्में बच्चे को अबो्र्ट कर देते हैं। हालांकि, इसमें भी खतरा होता है लेकिन उतना ज्यादा नहीं। लेकिन पहले के समय में ऐसी सुविधा नहीं होती थी। 

411

पुराने समय में अबॉर्शन के लिए खूंखार तरीका अपनाया जाता था। इन्हें जानने के बाद आपको काफी हैरानी होगी। इसमें सबसे प्रचलित थी अनपढ़ दाइयों द्वारा बच्चे को काढ़ा पिलाकर मार डालना। इसके बाद कई बार महिला की मौत हो जाती थी। 

511

पुराने समय में अबॉर्शन के लिए मगरमच्छ का इस्तेमाल किया जाता था। इसमें मगरमच्छ के मल यानी पॉटी का इस्तेमाल किया जाता था। उनकी पॉटी को शहद और सोडियम बाइकार्बोनेट साथ मिलाकर महिला के प्राइवेट पार्ट में डाला जाता था। 
 

611

ऐसा करने से जो भी महिला के गर्भ में मौजूद शुक्राणु अंदर मर जाते थे। इससे अगर महिला गर्भधारण कर चुकी है तो उसकी हो जाती थी।  
 

711

इसके अलावा कई बार महिला के जांघ में विगल नाम के जानवर बांध दिया जाता था। साथ में एक हड्डी बांध देते थे। कहा जाता है कि ऐसा करने से महिला प्रेग्नेंट नहीं होती। 
 

811

कनाडा में तो महिला को बीवर नाम के जानवर का अंडाशय शराब में डुबोकर खिला दिया जाता था। कहा जाता है कि ऐसा करने से उसके गर्भ में पल रहा बच्चा मर जाता था। 
 

911

पहले के समय में गर्भपात के लिए नींबू का भी काफी इस्तेमाल किया जाता था। दरअसल, नींबू में साइट्रिक एसिड होता है जो स्पर्म को खत्म कर देता था। हालांकि, इसके इस्तेमाल से महिला के योनि को काफी नुकसान होता था। 
 

1011

अबॉर्शन के कई मामलों में महिला को लोहे का पानी पिलाया जाता था। इसमें लोहार अपने गर्म औजार को पानी में डालकर ठंडा करता था और फिर उसी पानी को महिला को पिलाया जाता था। 
 

1111

इसके बाद 1950 से 60 के बीच अबॉर्शन के लिए कोल्ड ड्रिंक का चलन बढ़ा। इसमें चार तरह के कोल्ड ड्रिंक को मिलाकर महिला के योनि में डाला जाता था। इससे शुक्राणु मर जाते थे। हालांकि, ये काफी खतरनाक था। 

Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos