बता दें कि 1950 में जर्मन गायनकोलॉजिस्ट एर्न्स्ट ग्राफेनबर्ग ने G-स्पॉट के बारे में लोगों को बताया था। उन्होंने कहा था कि महिलाओं के प्राइवेट पार्ट में एक ऐसा स्पॉट होता है, जो सेक्स के दौरान उनके ऑर्गेज्म में हेल्प करती है। गायनकोलॉजिस्ट के नाम पर ही इसका नाम G-स्पॉट रखा गया था। इसपर लंबे समय से बहस चलती आई है। लेकिन अब इस नए शोध के बाद लोगों ने ट्वीटर पर इसे लेकर जमकर पोस्ट किया।