नंबर 1 बनने के लिए मासूम बच्चों को ऐसे टॉर्चर करता है चीन, सामने आई ये तस्वीरें खौला देगी खून

हटके डेस्क: चीन ने दुनिया को अपना असली रंग दिखाना शुरू कर दिया है। जहां चीन को पहले से ही कोरोना के कारण दुनिया में थू-थू का सामना करना पड़ रहा है, वहीं अब चीन ने भारतीय सीमा पर अटैक कर अपनी असलियत दिखानी शुरू कर दी है। चीन के इस कायरतापूर्ण अटैक के बाद पूरी दुनिया में उसकी बदनामी हो रही है। लेकिन चीन को किसी बात का कोई फर्क नहीं पड़ता। दुनिया में नंबर वन बनने की रेस में शामिल चीन अपने देश के बच्चों के प्रति भी उतना ही लापरवाह और क्रूर है। कुछ समय पहले चीन से कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आई थीं जिसमें अपने देश के बच्चों को खेल की दुनिया में अव्वल लाने के लिए उनपर जुल्म ढाए जा रहे थे। इन तस्वीरों को देख आपका भी खून खौल जाएगा। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 17, 2020 7:03 AM IST / Updated: Jun 18 2020, 08:55 AM IST

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नंबर 1 बनने के लिए मासूम बच्चों को ऐसे टॉर्चर करता है चीन, सामने आई ये तस्वीरें खौला देगी खून

ये तस्वीरें चीन के एक ट्रेनिंग कैंप की थी। वहां  बच्चों को खेल के लिए तैयार करने के दौरान क्रूरता की सारी हदें पार कर दी जाती हैं। शेयर हुई एक तस्वीर में एक छोटी बच्ची के पैर के ऊपर चढ़े शख्स को सिर्फ उसकी ट्रेनिंग की फ़िक्र थी। बच्ची को इस दौरान कितना दर्द हो रहा होगा, इसकी कोई कल्पना नहीं कर रहा था। 
 

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खेल के लिए तैयार करते इन बच्चों को इस तरह ट्रेनिंग दी जाती है। ताकि उनके लिए तकलीफ झेलना आसान हो जाए।  

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चीन के नैनिंग जिम्नेशियम को कई मायनों में क्रूर ट्रेनिंग के लिए जाना जाता है। यहां अपने बच्चों को भेज पेरेंट्स उन्हें विजेता बनने की होड़ में शामिल कर देते हैं। 
 

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इस कैंप से ट्रेनिंग लिए कई बच्चे इंटरनेशनल लेवल की प्रतियोगिताएं जीतते हैं। लेकिन इसके लिए उन्हें जो दर्द झेलना पड़ता है वो असहनीय होता है। 

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काफी कम उम्र से ही यहां बच्चों को ट्रेनिंग दी जाती है। इसमें अलग-अलग लेवल के लिए अलग-अलग तरह की ट्रेनिंग दी जाती है। 

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चीन के कैम्प में इंसानियत को भूला दिया जाता है। बच्चे दर्द से चीखते हैं फिर भी उन्हें जानवरों की तरह ट्रेनिंग दी जाती है। 

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बच्चों पर थोड़ा भी रहम नहीं बरपा जाता है। दर्द हो चाहे पीड़ा, बच्चों से ट्रेनिंग पूरी करवाई जाती है।  

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ये बच्चे इस टॉर्चर को झेलते हैं। उन्हें अपने पेरेंट्स से भी सपोर्ट नहीं मिलता।  

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सिर्फ जीतना एक मात्र मकसद और लक्ष्य होता है, जिसके लिए उन्हें टॉर्चर झेलना पड़ता है। ट्रेनिंग के दौरान बच्चों के दिमाग में ये डाल दिया जाता है कि आखिरकार आपको जीतना है। इसके लिए चाहे आपको कितना भी दर्द और कितनी ही तकलीफ क्यों ना झेलनी पड़े।  

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इस कैंप से सामने आई तस्वीरों ने लोगों का खून खौला दिया था। कई लोगों ने कमेंट किया था कि चीन के लोगों में दिल नहीं होता। 

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