यहां कई सालों से अपने आप जल रहा है पहाड़, घर से कड़ाही-कूकर ले जाकर लोग बनाते हैं खाना

हटके डेस्क: भारत में झारखंड के धनबाद कोलियरी में ऐसे कुछ इलाके हैं, जहां नीचे कोयले के खदानों में आग लगी हुई है। ये आग सालों से लगी है। इसकी वजह से ये एरिया काफी डेंजरस हो गया है। जमीन खोखली होकर धंस जाती है। लोग इन इलाकों से दूर ही रहते हैं। लेकिन आज हम आपको जिस जगह के बारे में बताने जा रहे हैं, वहां कोयले का कोई भंडार नहीं है। फिर भी पहाड़ी  अंदर कुछ ज्वलनशील गैस जरूर मौजूद है, जिसकी वजह से सालों से ये पहाड़ी धधक रही है। लेकिन लोग इससे दूर नहीं भागते। आसपास के लोग तो  इस पहाड़ी पर खाना बनाने आ जाते हैं। इससे उनका ईंधन बचता है। आइये आपको दिखाते हैं सालों से जलती इस पहाड़ी का लोग कैसे उठा रहे हैं फायदा... 

Asianet News Hindi | Published : Nov 8, 2020 11:17 AM IST

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यहां कई सालों से अपने आप जल रहा है पहाड़, घर से कड़ाही-कूकर ले जाकर लोग बनाते हैं खाना

जलता हुआ ये पहाड़ ईरान के ख़ुज़ेस्तान(Khuzestan) में है। इसे द इन्फर्नो हिलसाइड (The inferno hillside) या तश्कोह (Tashkooh) भी कहते हैं। ये पहाड़ कई सालों से धधकता आ रहा है। रात को तो ये और भी खूबसूरत नजर आता है। 
 

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इस जलते पहाड़ को देखने के लिए दूर-दूर से सैलानी आते हैं। इसे देश के सबसे खूबसूरत जगहों में से एक माना जाता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, पहाड़ से फॉस्फोरिक गैस की रिसाव से ये जल रहा है। ये गैस हवा के संपर्क में आते ही ज्वलनशील हो जाता है। 

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आग की वजह से इस पहाड़ी की काफी चर्चा है। आसपास के लोग तो इस पहाड़ी पर खाना तक बनाने पहुंचते है। लोगों को खुद से यहां आग जलाने की परमिशन नहीं है। लेकिन जलते आग पर वो खाना बना लेते हैं।  

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पहाड़ की ढलान, जिसे तशकोह कहा जाता है - जिसका अर्थ है फारसी में फायर माउंट - ईरान के पश्चिम में खुज़ेस्तान प्रांत में रामहोरमोज़ शहर के करीब स्थित है। विजिट ईरान साइट के मुताबिक़ 'इस क्षेत्र में विभिन्न हिस्सों में छेद वाली पहाड़ियाँ हैं जिनमें से सैकड़ों लपटें निकलती हैं।
 

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इस क्षेत्र को राष्ट्रीय धरोहर स्थल माना जाता है। हालांकि, अभी तक इस जगह की पब्लिसिटी नहीं हुई है। कई लोगों को इसके बारे में  भी नहीं है। बावजूद इसके यह पर्यटकों को खूब आकर्षित करता है।

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यहां लोगों को आग की लपटों से घिरते हुए, और खाना पकाने के लिए उनका उपयोग करते देखना असामान्य नहीं है। आसपास के लोग घर से बर्तन लाकर यहां खाना भी बनाते नजर आते हैं। हालांकि, उन्हें चेतावनी दी जाती है कि वे हवा में ज्वलनशील गैसों की भारी मात्रा के कारण क्षेत्र में स्वयं के आग को न जलाएं।
 

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जर्मन ट्रैवल फोटोग्राफर टोबियास डैनज़ ने अपने इंस्टाग्राम पेज @flyostrichfly पर इसकी अविश्वसनीय तस्वीरें पोस्ट की हैं। वो जब यहां घूमने गए थे तो एक बार के लिए इस जगह पर यकीन नहीं कर पाए थे। 

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टोबीस, जो अपनी ईरानी पत्नी के साथ वियना में रहता है, ने मेलऑनलाइन ट्रैवल को बताया: 'स्थानीय लोगों द्वारा इसे दिया गया नाम थोड़ा भ्रामक है। तश्कोह एक पहाड़ नहीं है, बल्कि ग्रामीण ईरान में सड़क के बगल में एक छोटी पहाड़ी है।
 

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उन्होंने  बताया कि जब उन्होंने इसका दौरा किया, तो हम सतह की छिद्रपूर्ण परत से उठने वाले सल्फर और हाइड्रोजन सल्फाइड वाष्प की गंध से बेहोश हो गए थे। 'इसके अलावा, आग की लपटों के करीब गर्मी तीव्र है - स्थानीय लोग कभी-कभी इस पर अपना खाना बनाते हैं।' आगे उन्होंने कहा: 'यह उन क्षणों में से एक था जब प्रकृति ने उन्हें हैरान कर दिया था।'

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