धौनी से क्यों नहीं सीखते देश के किसान, देखिए कैसे उनका फॉर्महाउस उगल रहा सोना

टीम इंडिया के पूर्व कैप्टन महेंद्र सिंह धौनी इन दिनों क्रिकेट नहीं, खेती-किसानी के कारण सुर्खियों में हैं। वे ऐसे समय मीडिया में छाए हुए हैं, जब देश में किसानों का आंदोलन चल रहा है। धौनी ने रांची में अपने 43 एकड़ में फैले फॉर्महाउस में विभिन्न तरह की फसलों के अलावा, सब्जियां और मुर्गा पालन कर रहे हैं। लेकिन तरीका परंपरागत नहीं, आधुनिक है। नई खबर है कि धौनी अपने फॉर्म हाउस में किस्म-किस्म की सब्जियां उगा रहे हैं। ये सब्जियां दुबई निर्यात होंगी। धौनी इस समय नए साल की छुट्टियां मनाने दुबई में हैं। बताते हैं कि धौनी के फार्म हाउस में इस समय बम्पर पैदावार हुई है। धौनी अपने फॉर्म हाउस में झाबुआ(मध्य प्रदेश) का कड़कनाथ मुर्गा भी पाल रहे हैं। यह मुर्गा काफी महंगा मिलता है। आइए जानते हैं धौनी के फॉर्म हाउस के बारे में...

Asianet News Hindi | Published : Jan 4, 2021 10:10 AM IST

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धौनी से क्यों नहीं सीखते देश के किसान, देखिए कैसे उनका फॉर्महाउस उगल रहा सोना

धौनी अपने फॉर्म हाउस में सिर्फ आर्गेनिक सब्जियां उगाते हैं। यही वजह है कि उनकी काफी डिमांड है। इन सब्जियों को दूसरे देशों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी ऑल सीजन फार्म फ्रेश एजेंसी ने उठाई है।

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बात दें कि धौनी का रांची के सिमलिया में फॉर्म हाउस है। पिछले महीने ही यहां मप्र के झाबुआ का प्रोडक्ट कड़कनाथ मुर्गा पहुंचा है। धोनी ने इसके लिए थांदला(जिला झाबुआ-मप्र) के पास रूंडीपाड़ा में आशीष कड़कनाथ मुर्गीपालन सहकारी संस्था के विनोद मेड़ा को 2000 चूजों का ऑर्डर दिया था। रांची के वेटनरी डॉ. एसएस कुल्डु इस मामले में धौनी की मदद कर रहे हैं।


( क्रिकेटर युजवेंद्र चहल के साथ धौनी)

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धौनी के फॉर्म हाउस को इजा फार्महाउस के नाम से जाना जाता है। 43 एकड़ में फैले इस फॉर्म हाउस में माही सब्जी और फलों की खेती करते हैं।

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माही के फॉर्म हाउस में स्ट्रॉबेरी, पपीता और अमरूद की खेती भी हो रही है। माही फसल के सर्वश्रेष्ठ बीज चुनते हैं। चाहे फिर वे विदेश से मंगाना पड़ें। धोनी के एग्रीकल्चर कंसलटेंट रोशन कुमार कहते हैं कि धौनी स्वयं खेती-किसानी पर पूरी नजर रखते हैं। करीब 2 एकड़ में सिर्फ वे मटर उगाते हैं। साथ ही पशुपालन भी करते हैं।

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धौनी पशुपालन भी कर रहे हैं। उनका एक फॉर्महाउस और है। इसे 'कैलाशपति' के नाम से जाना जाता है। यह करीब 7 एकड़ जमीन पर बना हुआ है। यहां उन्नत किस्म की गायें देखी जा सकती हैं।

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