दावा: चीन से नहीं, इस देश से दुनिया में फैला कोरोना, पिछले साल फरवरी में ही सामने आया था वायरस का पहला केस

Published : Jul 05, 2020, 10:30 AM IST

हटके डेस्क: कोरोना वायरस को लेकर दुनियाभर में चीन की काफी बदनामी हो रही है। इस वायरस के कारण हुए नुकसान के लिए हर देश चीन को जिम्मेदार ठहरा रहा है। लेकिन चीन ने अभी तक इस वायरस को लेकर अपनी जिम्मेदारी नहीं मानी है। चीन ने शुरुआत से ही इस वायरस के प्रति पूरी तरह गैरजिम्मेदाराना रवैया अपनाया है। अब चीन ने एक नया ही बयान दिया है। चीन का अब कहना है कि कोरोना वायरस की शुरुआत चीन में नहीं बल्कि स्पेन में हुई थी। इसके लिए चीन ने सबूत भी दिया है। चीन का कहना है कि जब उसके देश में कोरोना का पहला मामला सामने आया था, उसके कई महीने पहले ही स्पेन में कोरोना का पहला मरीज मिला था। ऐसे में चीन को कोरोना का जिम्मेदार बताना गलत है।   

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दावा: चीन से नहीं, इस देश से दुनिया में फैला कोरोना, पिछले साल फरवरी में ही सामने आया था वायरस का पहला केस

चीन ने अब स्पेन पर कोरोना  फैलाने का इल्जाम लगाया है। चीन का कहना है कि असल में कोरोना वुहान में नहीं, बल्कि यूरोप से फैला है।  
 

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चीन के वुहान में दिसंबर 2019 में कोरोना का  संदिग्ध मिला था। इसके बाद एक के बाद एक कई मामले सामने आए थे। ज़्यदातर मरीजों का संबंध वुहान के मीट मार्केट से था। 

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इस वायरस ने इसके बाद चीन से बाहर निकलकर दुनियाभर में फैलने में समय नहीं लगाया। देखते ही देखते ये वायरस कई देशों में फ़ैल गया। अभी तक इस वायरस के कारण दुनिया में 5 लाख 25 हजार लोग कोरोना के कारण मारे गए हैं। 

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चीन पर इस वायरस को फैलाने का जिम्मेदार माना गया। साथ ही चीन पर इसे जानते हुए फ़ैलाने का आरोप लगा। लोगों का कहना है कि चीन ने उस हर डॉक्टर का मुंह बंद करवा दिया जिसने कोरोना के लिए आवाज उठाई। 

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WHO भी अब चीन पर कोरोना फ़ैलाने के कारण एक्शन लेने की तैयारी में है। साथ ही चीन के इस दावे के बाद कि कोरोना असल में यूरोप से शुरू हुआ था, अब इस तरफ भी जांच शुरू की जाएगी। 
 

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दरअसल, चीन के सीनियर हेल्थ एडवाइजर वांग गुआंगफा ने WHO से कहा है कि उन्हें जांच करनी चाहिए कि फरवरी 2019 में स्पेन के बार्सिलोना में मिला कोरोना मरीज कहीं से भी चीन से जुड़ा नहीं था। 

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यानी कि इस वायरस का चीन  से कोई संबंध नहीं है। हेल्थ एडवाइज़र का कहना है कि चीन से पहले ही ये वायरस सामने आ चुका था। धीरे-धीरे ये दुनिया में फ़ैल रहा था। दिसंबर 2019 के बाद इसके फैलने की दर बढ़ गई और चीन पर इसका इलजाम आ गया। 

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इस दावे के बाद WHO ने जांच की बात कही है। हालांकि, काफी समय से WHO पर भी चीन को कोरोना को लेकर बचाने का इल्जाम लग रहा है। ऐसे में इस दावे का समर्थन करने से पहले WHO अच्छे से जांच करना चाहेगा। 

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हालांकि, कई लोगों का कहना है कि चीन की ये सारी चाल दुनिया में अपनी इमेज ठीक करने के लिए है। बता दें कि स्पेन में दुबारा से लॉकडाउन लगा दिया गया है। यहां अचानक ही कोरोना के मामले दुबारा बढ़ गए थे। इस कारण वापस से 2 लाख लोगों को लॉकडाउन कर दिया गया है। 
 

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