लालची इंसानों ने छीन लिया हाथियों का जंगल, पेट में हरे-हरे घास नहीं, अब भरा मिलता है प्लास्टिक जैसा जहर

हटके डेस्क: भारत में हाथियों को भगवान का दर्जा दिया जाता है। यहां गजराज की पूजा की जाती है। लेकिन इसके बाद भी कई लोग हैं जो हाथियों के साथ अत्याचार करते हैं। महावत हाथियों को पालते हैं। कुछ इन हाथियों को बच्चों की तरह पालते हैं तो कुछ उन्हें जंजीरों से बांध देते हैं। इस बीच श्रीलंका से कुछ ऐसी फोटोज सामने आई जो बेहद दर्दनाक है। यहां कचरे के ढेर में हाथियों का झुंड नजर आया, जो कचरा खाते नजर आए। कचरे का ये बड़ा यार्ड हाथियों से भरा दिखा, जहां वो कचरे के साथ प्लास्टिक खाते दिखे। (सभी तस्वीरें डेली मेल से)

Asianet News Hindi | Published : Oct 2, 2020 11:08 AM IST
112
लालची इंसानों ने छीन लिया हाथियों का जंगल, पेट में हरे-हरे घास नहीं, अब भरा मिलता है प्लास्टिक जैसा जहर

श्रीलंका के ओलुविल में जंगली हाथियों को उनके निवास स्थान पर अतिक्रमण करने वाले डंप में कचरा खाते देखा गया। हाथी इन कचरों में प्लास्टिक खाते नजर आए। 
 

212

25 से 30 जंगली हाथियों का झुंड नियमित रूप से भोजन की तलाश में खुले कचरे के ढेर पर जाता है। जिससे उनके स्वास्थ्य को भी खतरा है। 

312

हाथी इन बड़े डंप से गुजरते हैं, जिसमें सामंतथुराई, कलमुनाई, करैथेवु, निथावुर, अडालचैचेनई, अक्करायपट्टु और अलय्यादि वेसू सहित जिलों के कचरे को डंप किया जाता है।  
 

412

खुले कचरे के ढेर को पूर्वी प्रांत के जंगलों में रखा जाता है। पहले यहां जंगल था लेकिन अब इसे डंपयार्ड बना दिया गया है। 
 

512

फोटो में एक हाथी भोजन की तलाश में विशाल, खुले कूड़ेदान पर दिख रहा है। वहां जमीन प्लास्टिक की थैलियों और खतरनाक कचरे से भरी दिख रही है। 

612

दो हाथी डंप में भोजन की तलाश करते हुए। यहां हाथियों के साथ पक्षी भी नजर आते हैं। वो खाने के लिए हाथियों से लड़ते भी है। पहले  डंप के चारों ओर एक बाड़ लगाई गई थी, लेकिन अब यह टूट गया है और हाथियों को प्रवेश करने से रोकने में असमर्थ है। 

712

अशरफ नगर के पास स्थित एक कूड़ा डंप जंगल (चित्र) के पास, जो कि अम्पारा जिले की सीमा पर स्थित है। यहां भी हाथियों को खाते देखा जाता है। 

812

डंप के विस्तार के साथ, जंगल अब पॉलिथीन बैग, खारिज प्लास्टिक और अन्य खतरनाक कचरे से भरा हुआ है। 
 

912

25 से 30 हाथियों के झुंड अब मानव आवास के इतने करीब भोजन करने के आदी हो गए हैं, उन्होंने आस-पास के धान के खेतों और गांवों में आक्रमण करना शुरू कर दिया है ताकि अधिक भोजन की तलाश की जा सके। 

1012

तीन हाथी अपने प्राकृतिक जंगल में एक दूसरे के बगल में खड़े हैं। डंप धीरे-धीरे बगल के जंगल पर अतिक्रमण कर गया है। वो जंगल जो कभी हाथियों का घर था अब कचरे का डंप यार्ड है। 

1112

जंगली जानवरों के मलमूत्र में बड़ी मात्रा में प्लास्टिक पाए गए हैं। हाथी के पोस्टमॉर्टम में उनके पेट में प्लास्टिक उत्पादों और गैर-पाचक पॉलीथिन को दिखाया गया है। 
 

1212

सामन्थुराई, कलमुनाई, करैथेवु, निथावुर, अडालचैचेनई, अक्कैरिपट्टु और अलायदी वेम्बु सहित जिलों से कचरा इस जंगल में फेंक दिया जाता है। 

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos