Published : Apr 27, 2020, 11:49 AM ISTUpdated : Apr 27, 2020, 11:50 AM IST
हटके डेस्क: दुनिया कोविड 19 यानी कोरोना से जंग लड़ रही है। इस वायरस का कोई इलाज नहीं मिल पाया है। वायरस से संक्रमित लोगों की 29 लाख 95 हजार पार है जबकि मरने वालों का आंकड़ा 2 लाख 7 हजार से ज्यादा है। कई देश इस जानलेवा वायरस का इलाज ढूंढ रहे हैं। बीते दिनों यूके में एक महिला के ऊपर कोरोना का पहला इंजेक्शन टेस्ट किया गया था। इसके कुछ समय बाद ये खबर आई कि वैक्सीन के बाद महिला के बॉडी के कई पार्ट्स फेल हो गया और उसकी मौत हो गई। इस खबर ने सबको हैरान कर दिया। लेकिन आपको बता दें कि ये खबर फेक है। इस फेक खबर के सामने आने के बाद ये महिला खुद सामने आई और बताया कि इंजेक्शन के बाद वो कैसा महसूस कर रही है।
यूके में माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ एलिसा ग्रानटो पहली शख्स बनी, जिसपर कोरोना वैक्सीन का ट्रायल किया गया। 32 साल की एलिसा पर पहला ह्यूमन ट्रायल किया गया था।
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इसके कुछ घंटे बाद सोशल मीडिया पर खबर फ़ैल गई कि वैक्सीन के कुछ घंटे के बाद एलिसा की मौत हो गई। सब इस खबर से निराशा में डूब गए।
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इस वायरस को ऑक्सफ़ोर्ड में ट्राय किया गया था। डॉ एलिसा के अलावा एक और शख्स भी इस ट्रायल में शामिल था।
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अपनी मौत के आर्टिकल को देख डॉ एलिसा ने अपने पर्सनल ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर बताया कि वो पूरी तरह ठीक हैं। उन्होंने लिखा कि जैसा आर्टिकल में लिखा है वैसा कुछ नहीं है।
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डॉ एलिसा ने लिखा कि इंजेक्शन के बाद भी उनकी तबियत बिल्कुल ठीक है। साथ ही वो बेहतर महसूस कर रही हैं।
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वहीं डिपार्टमेंट ऑफ़ हेल्थ एंड सोशल केयर ने भी ट्वीट करते हए जानकारी दी कि ह्यूमन ट्रायल के बाद यूके की वोलेंटियर डॉ एलिसा बिल्कुल ठीक हैं। साथ ही उन्होंने इस तरह की फेक खबरों को अवॉयड करने की सलाह दी।
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द ऑक्सफ़ोर्ड वैक्सीन ग्रुप, जिसके तहत डॉ एलिसा पर ट्रायल किया गया, उसके मुताबिक, सितंबर तक कोरोना का वैक्सीन तैयार कर दिया जाएगा।
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यूके में कोरोना ने भारी तबाही मचाई है। इस देश के पीएम को भी वायरस ने अपनी चपेट में ले लिया था। अब बोरिस ठीक हैं और काम पर लौट चुके हैं।
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यूके में अभी तक कोरोना के कुल 1 लाख 52 हजार मामले सामने आए हैं। साथ ही मरने वालों का आंकड़ा भी 21 हजार पहुंचने वाला है।