Published : Jul 02, 2020, 04:09 PM ISTUpdated : Jul 02, 2020, 05:28 PM IST
हटके डेस्क: कोरोना की वजह से दुनिया की हालत काफी बदल गई है। इस वायरस की वजह से दुनिया के कई देश लॉकडाउन हो चुके हैं। कई ऑफिस, स्कूल-कॉलेज बंद हैं। कोरोना के कारण कई लोगों की नौकरी चली गई है। रोजगार जाने का असर सबसे ज्यादा सेक्स वर्कर्स पर पड़ा। इनकी जिंदगी मानो ठहर सी गई। वायरस की वजह से लोग रेड लाइट एरिया में जाने से कतराने लगे। किस वर्कर को कोरोना है, इस डर से लोग शायद अब इन सेक्स वर्कर्स के साथ पहले की तरह डील कर पाए। कोरोना काल में नीदरलैंड में रेड लाइट एरिया खोल दिया गया है। 1 जुलाई से यहां फिर से सेक्स इंडस्ट्री खुल गए हैं। लेकिन कोरोना काल में इसकी तस्वीर काफी बदली-बदली नजर आ रही है। आइये आपको दिखाते हैं कोरोना के कारण कैसे बदल गया रेड लाइट एरिया का नजारा...
नीदरलैंड में जैसे ही कोरोना संक्रमण से होने वाली मौतों की संख्या घटी, देश धीरे-धीरे खुलने लगा। 1 जुलाई से देश के कई हिस्सों में लगी रोक को हटा लिया गया। इसमें रेड लाइट एरिया भी शामिल है। तस्वीर में रेंट पर लिए गए ब्रोथल की सफाई करती महिला कर्मचारी।
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रेड लाइट एरिया में मौजूद इन रूम्स पर रेड कलर के स्टिकर में लिखा दिखा- रिस्पेक्ट आवर सेक्सवर्कर्स। महीनों से बंद इन गलियों के खुलने से पहले अच्छे से साफ़-सफाई की गई।
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कांच की सफाई करता पुरुषकर्मी। लॉकडाउन का काफी बुरा प्रभाव सेक्स इंडस्ट्री पर भी पड़ा था। सेक्स वर्कर्स के पास खाने- पीने के लाले पड़ गए थे।
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एम्स्टर्डम के डी वॉलें स्ट्रीट में कोरोना से पहले काफी चहल-पहल थी। लेकिन जबसे लॉकडाउन लगा था इन गलियों में कोई भी नहीं आ रहा था। अब जाकर यहां फिर चहल-पहल बढ़ी है।
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हालांकि, कोरोना के बाद इन गलियों और इस पेशे में काफी कुछ बदल जाएगा। अब सेक्स वर्कर्स के लिए फेस मास्क लगाना अनिवार्य होगा। साथ ही कमरों में हैंड सैनिटाइजर और ग्लव्स भी रखे होंगे।
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सेक्स वर्कर्स के लिए भी कई तरह के दिशा-निर्देश जारी किये गए हैं। इसमें कई तरह के सेक्स पोजीशन और रूल्स जो पहले थे, उन्हें रिस्ट्रिक्ट किया गया है।
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सेक्स वर्कर्स को अब हैंड ग्लव्स लगाना जरुरी है। साथ ही काम के दौरान उन्हें फेस मास्क भी लगाना जरुरी है। ओरल सेक्स पर भी पाबंदी लगा दी गई है।
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यहां 16 मार्च से ही रेड लाइट एरिया बंद कर दिए गए थे। इसके बाद सेक्स वर्कर्स के पास जीने- मरने की नौबत आ गई थी। देश में सेक्स वर्कर्स को सरकार की तरफ से आर्थिक मदद भी नहीं मिलती थी।
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डच प्राइम मिनिस्टर ने कोरोना केस घटने के बाद 1 जुलाई से रेड लाइट एरिया खोलने का ऐलान था।
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इससे पहले डिक्लेयर किया गया था कि 1 सितम्बर से पहले कुछ बभी नहीं खोला जाएगा लेकिन जब केसेस में कमी आई तो डेट को 1 जुलाई कर दिया गया।
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लॉकडाउन के दौरान कई सेक्स वर्कर्स ने इललीगल तरीके से काम किया। चूंकि उनके पास संसाधन की कमी थी इसके लिए उन्होंने गैरकानूनी ढंग से धंधा किया।
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ऐसे में रेड लाइट यूनाइटेड यूनियन ने सरकार को लिखा कि सेक्स उद्योग पर प्रतिबंध के लिए जल्द से जल्द उठाने और सुरक्षा उपायों को लागू करने का आग्रह किया जाए, जिसमें चेहरा मास्क पहनना शामिल है।
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तमाम सुरक्षा उपकरणों के बाद अब जाकर कल से रेड लाइट एरिया खोल दिए गए।