भारत में नोटों से कोरोना वायरस के फैलने का सबसे ज्यादा है खतरा, दूसरों से लेने से पहले हो जाएं सावधान

Published : Mar 04, 2020, 10:16 AM ISTUpdated : Mar 04, 2020, 03:29 PM IST

हटके डेस्क: देखते ही देखते चीन के वुहान शहर से फैला कोरोना वायरस भारत में भी दस्तक दे चुका है। भारत में इस वायरस के 13 संदिग्ध सामने आए हैं, जिनमें से दो केस कंफर्म हुआ है। इसे लेकर भारत के कई इलाकों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। भारत सरकार ने कोरोना वायरस की रोक के लिए अवेयरनेस भी शुरू कर दिया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये वायरस नोटों के जरिए भी फैलता है। 

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भारत में नोटों से कोरोना वायरस के फैलने का सबसे ज्यादा है खतरा, दूसरों से लेने से पहले हो जाएं सावधान
भारत में कोरोना वायरस के संदिग्धों की बढ़ती संख्या वाकई चिंताजनक है।
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बात अगर इसके फैलने की करें, तो इस वायरस के सबसे ज्यादा फैलने के चांसेस गंदे नोटों के जरिये है।
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अगर कोई नोट इस वायरस से पीड़ित इंसान के हाथों से होता हुआ स्वस्थ व्यक्ति तक पहुंचे, तो ये उसे भी अपनी चपेट में ले लेगा।
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विदेशी मीडिया ने वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनइजेशन के हवाले से बताया कि ये वायरस इंसान के शरीर के बाहर भी कुछ दिनों तक जिंदा रहता है।
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ऐसे में जब ये वायरस नोटों से चिपकता है, तो कुछ दिन वो उसमें जिंदा रहता है। ऐसे में जब कोई स्वस्थ व्यक्ति उसे अपने हाथों से पकड़ता है तो वो हाथों के जरिए उसकी बॉडी में समा जाता है।
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भारत में ज्यादातर ट्रांजेक्शन कैश से होता है। ऐसे में करारे नोट ही इस वायरस को फैलाने में सबसे अहम रोल प्ले कर रहे हैं।
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लोगों से अपील की गई है कि अगर आप नोटों का आदान प्रदान करें, तो उसके बाद हाथ जरूर धोएं।
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इस समस्या से बचने का एक तरीका जो लोगों को बताया गया है वो है कैशलेस ट्रांजेक्शन करना। इस तरह नोट का यूज ही नहीं होगा।
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बता दें कि चीन में बैंक नोट्स को अलग कर है। ताकि इसके जरिये वायरस और ना फैले।
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ये वायरस इंसान की बॉडी के बाहर 9 दिन तक जिंदा रह सकता है। हालांकि, नॉर्मल हैंड सैनिटाइजर और क्लीनर्स से इस वायरस को मारा जा सकता है।
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बता दें कि चीन के वुहान से शुरू हुआ ये वायरस अब करीब 70 देशों में फ़ैल चुका है। इसमें चीन के बाद साउथ कोरिया में सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। साथ ही अब भारत में भी इसके मरीज मिले हैं।

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