दुबई में नर्क की जिंदगी जीते हैं भारतीय, पैसों के लालच में बर्बाद हो जाती है जिंदगी
हटके डेस्क: 18 दिसंबर को इंटरनेशनल माइग्रेंट्स डे के तौर पर मनाया जाता है। इंसान नौकरी की तलाश में एक देश से दूसरे देश जाता है। बात अगर भारत की करें तो यहां गरीब तबके के लोग किसी तरह जुगाड़ कर कनाडा या दुबई नौकरी के लिए चले जाते हैं। उनके जाने पर घरवालों को तो ऐसा लगता है कि वो वहां ऐश और आराम की जिंदगी जी रहे हैं लेकिन असल में वहां उनकी अलग ही दुनिया होती है। ईरान के फोटोग्राफर फरहाद बेरहमैन ने अपनी तस्वीरों के जरिए दुबई में काम कर रहे मजदूरों की मुश्किल जिंदगी लोगों को दिखाई।
Asianet News Hindi | Published : Dec 18, 2019 4:45 AM IST / Updated: Dec 18 2019, 04:09 PM IST
ये मजदूर दुबई में बेहद कम मजदूरी में घंटों काम करते हैं। उनकी हालत काफी दयनीय होती है।
दुबई में सोनपुर में भारत के अलावा बांग्लादेश, पाकिस्तान और चीन के ढाई लाख मजदूर रहते हैं। वहीं फोटोग्राफर ने ये तस्वीरें खींची।
सोनपुर के कैंप में एक ही जगह पर सभी अपना खाना बनाते हैं। इसके लिए बिछाई गई गैसपाइप लाइन खतरनाक है। छोटी सी गलती से भी बड़ा हादसा हो जाता है।
इनमें से कई मजदूरों का पासपोर्ट उनसे छीन लिया गया है।
गंदगी के बीच ही रहने को मजबूर होते हैं ये मजदूर। यहां भारतीय मजदूरों की जिंदगी काफी मुश्किल से कटती है।
कुछ लोग वीकेंड्स पर एक्स्ट्रा इनकम के लिए खाना बनाकर बेचते हैं।
इन्हें छोटी सी जगह में गुजारा करना पड़ता है।
तेज गर्मी में इन्हें 14 घंटे काम करना पड़ता है। कई बार तो पारा 50 डिग्री भी पहुंच जाने के बाद इन्हें काम करना पड़ता है।
मेहनत भरे काम के बदले इन्हें काफी कम मेहनताना मिलता है। जिसमें से अधिकांश हिस्सा वो अपने घर पर भेज देते हैं। बचे हुए पैसों से घर का किराया और अपना खाना पीना करते हैं।
सोनपुर में लगने वाले मार्केट में उन्हें सस्ती सब्जियां मिल जाती है। वरना दुबई के बाकी हिस्सों में मिलने वाली सब्जियों के दाम उनकी सैलरी से भी ज्यादा होते हैं।
बाहर से चकाचौंध वाली इस जिंदगी की लालच में लोग आ तो जाते हैं। लेकिन दुबई की असलियत जानने के बाद सिर्फ अफसोस करते हैं।