दुनिया भर में कोरोना का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। यूरोप के कई देश कोरोना से बेहाल हैं। हर देश में लॉकडाउन घोषित किया जा चुका है। कोरोना से पीड़ित लोग आइसोलेशन में रह रहे हैं। इसी बीच, इंग्लैंड के लंदन में कोरोना से 13 साल के एक किशोर की मौत हो गई और उसे जब दफनाया गया तो उसकी फैमिली का कोई करीबी सदस्य वहां मौजूद नहीं था। इस्माइल मोहम्मद अब्दुल वहाब की मौत लंदन के किंग्स कॉलेज हॉस्पिटल में इलाज के दौरान हो गई। वह साउथ लंदन के ब्रिक्सटन का रहने वाला था। उसे इटर्नल गार्डन्स के कब्रिस्तान में दफनाया गया। वहां उसके चाचा और चचेरे भाइयों ने दो मीटर की दूरी से ही उसे दफनाने की रस्म पूरी की। वे सभी पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) वाली पोशाक पहने थे, वहीं उसकी मां और 6 भाइयों ने उसके फ्यूनरल को ऑनलाइन देखा, क्योंकि उनमें से दो कोरोना वायरस से पहले ही से संक्रमित हैं और आइसोलेशन में रह रहे हैं। कोरोना का कहर इतना बढ़ गया है और लोग इसके संक्रमण का खतरा इतना ज्यादा है कि लोग अपने सगे बेटे के अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हो पा रहे हैं।
ब्रिटेन में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या 33,718 हो गई है और 2,921 लोग इससे मौत के शिकार हो चुके हैं। यहां तक कि ब्रिटेन के प्राइम मिनिस्टर और हेल्थ मिनिस्टर भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। ब्रिटेन में कोरोना की वजह से सबसे लंबा लॉकडाउन घोषित किया गया है। देखें 13 साल के इस्माइल मोहम्मद अब्दुल वहाब के दफनाए जाने की तस्वीरें।