शिकारियों ने मां को मार कर दिया था अनाथ, आज खुद बच्चे को जन्म दे ममता लुटा रही ये मम्मी

जंगली जानवरों पर खतरा लगातार मंडरा रहा है। दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों और द्वीपों में ऐसे कई जंगली जानवरों की प्रजाति खत्म हो सकती है, जिन्हें दुर्लभ माना गया है। शिकारियों के गिरोह लगातार इन जानवरों को मार रहे हैं। वे इन जानवरों के अंगों का व्यापार कर अकूत कमाई करते हैं। इसके अलावा पाम ऑयल के लिए भी डेवलपर्स जंगलों को काट रहे हैं। इससे भी इन वन्य प्राणियों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। ओरांगउटान एक ऐसा ही दुर्लभ प्राणी है, जिसकी संख्या लगातार कम होती जा रही है। लेकिन काफी सख्ती बरते जाने के बावजूद शिकारी इन्हें मारने से बाज नहीं आ रहे हैं। एक दशक से ज्यादा हो गया, जब दक्षिण-पूर्वी एशिया के बोर्नियो आइलैंड में शिकारियों के एक गिरोह ने एक मादा ओरांगउटान को मार डाला था। उसकी बच्ची उस समय सिर्फ 3 साल की थी। मां के मर जाने से छोटी-सी ओरांगउटान दहशत में आ गई। जब इंटरनेशनल एनिमल रेस्क्यू ओरांगउटान सेंटर के लोगों को जब इसके बारे में पता चला तो वे इस बेबी ओरांगउटान को अपने साथ ले गए और उसकी देखभाल की। उन्होंने उसका नाम पेनी रखा। आज पेनी 12 साल की हो गई है और खुद एक बच्चे की मां है। वह बहुत ही प्यार से अपने बच्चे की देख-रेख करती है। पेनी की अपने बच्चे के साथ कुछ तस्वीरें सामने आई हैं। उसके बच्चे का नाम तारक रखा गया है। इन्हें पश्चिमी बोर्नियो के केटापैंग में स्थित चैरिटी इंटरनेशनल ओरांगउटान सेंटर में रखा गया था। इन तस्वीरों को देख कर कोई भी भावुक हो जाएगा। मां की ममता कैसी होती है, इसकी झलक इन तस्वीरों से मिलती है।

Asianet News Hindi | Published : Mar 25, 2020 9:25 AM IST / Updated: Mar 25 2020, 08:41 PM IST

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शिकारियों ने मां को मार कर दिया था अनाथ, आज खुद बच्चे को जन्म दे ममता लुटा रही ये मम्मी
ओरांगउटान पेनी अपनी बच्ची के साथ पेड़ की डाल पर उस झूला झुला रही है।
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ओरांगउटान दुर्लभ जीवों में है। ये बहुत ही संवेदनशील होते हैं और अपने बच्चों की काफी केयर करते हैं।
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पेनी की मां जब मारी गई थी, तब वह सिर्फ 3 साल की थी। अब वह 12 साल की हो गई है। ओरांगउटान को काफी संवेदनशील और बुद्धिमान प्राणी माना गया है।
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एक पेड़ की डाल पर पेनी अपने नन्हे बच्चे को गोद में चिपका के रखी है। मां की ममता इंसान हो या जानवर, सबमें एक जैसी होती है।
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बोर्नियो के केटापैंग में स्थित चैरिटी इंटरनेशनल ओरांगउटान सेंटर में पेनी।
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यह बेहद दुख की बात है कि आज भी ओरांगउटान जैसे जीवों के साथ बर्बरता हो रही है और उन्हें रस्सियों में बांध कर रखा जा रहा है।
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पेड़ के साथ चेन में बांध कर रखा गया एक ओरांगउटान। एनिमल राइट्स के लिए काम करने वाले संगठन ऐसे बर्बर व्यवहार का विरोध करते हैं और जानवरों का रेस्क्यू भी करते हैं, लेकिन उनकी संख्या अभी कम है।
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